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Jodhpur mass suicide: साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी करवाने के चक्कर में 1 साल से रुकी है 11 पाक विस्थापितों के आत्महत्या की जांच

जोधपुर में कथित पाक विस्थापितों के सामूहिक आत्महत्या (Jodhpur mass suicide) मामले में पुलिस रिजल्ट तक नहीं पहुंच पाई है. इस मामले को एक साल पूरे हो गए हैं लेकिन जांच एक वीडियो की वजह से अटकी पड़ी है.

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जोधपुर पाक विस्थापित सुसाइड की जांच अटकी

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Published : Aug 9, 2021, 1:51 PM IST

जोधपुर.देचू थाना क्षेत्र में पिछल साल खेत में 11 पाक विस्थापितों का शव मिला था. इस मामले को 1 साल हो गया है लेकिन पुलिस किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. इस कथित आत्महत्या कांड से जुड़े एक वीडियो का क्लिनिकल साइकोलॉजीकल ऑटोप्सी करवाने के चक्कर में जांच रुकी पड़ी है.

इस प्रकरण में मृतकों में शामिल लक्ष्मी का एक वीडियो भी सामने आया था. जिसमें उसने लोगों पर कई तरह के आरोप लगाए थे. इसी वीडियो की क्लिनिकल साइकोलॉजीकल ऑटोप्सी (Clinical Psychological Autopsy) पुलिस करवाना चाहती है. वीडियो CBI की CFSL लैब दिल्ली में जांच होगी लेकिन कोरोना के चलते अभी तक यह जांच नहीं हो सकी है. पुलिस वीडियो दिल्ली भेज दिया है. इसके अलावा CFSL की टीम परिवार के एकमात्र जीवित व्यक्ति केवल राम से भी मिलना चाहती है. इसको लेकर मामले के जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील पवार पत्र व्यवहार कर रहे हैं.

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देचू थाना अंतर्गत लोड़ता गांव (lodta mass suicide) में 9 अगस्त 2020 को एक खेत में 11 पाक विस्थापितों के शव मिले थे. संभावना जताई जा रही है कि रात को पूरे परिवार के खाने में नींद की गोलियां मिलाई गई होंगी. जिसके बाद नींद में उन्हें जहरीले इंजेक्शन लगाए गए थे. परिवार में एकमात्र जिंदा सदस्य केवल राम बचा था. पुलिस ने प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या माना था.

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केवल राम और उसके भाई (pakistani hindu) की शादी पाकिस्तान में हुई थी. 2015 में सभी लोग भारत आ गए थे और उसका ससुराल भी जोधपुर के अंगनवा में शिफ्ट हो गया था लेकिन बीते 3 सालों से दोनों भाइयों की पत्नियां पाकिस्तान से भारत नहीं आ रही थीं. संभावना जताई गई कि यही इस परिवार के खत्म होने का कारण बना लेकिन 1 साल बाद भी पुलिस अभी इस प्रकरण को सुलझा नहीं पाई है. हालांकि, पुलिस ने इस दौरान कुछ लोगों खिलाफ मामला भी दर्ज किया था लेकिन अभी तक पूरी जांच नहीं होने से कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.

वीडियो में लक्ष्मी की मनोदशा देखी जाएगी

पुलिस सूत्रों का कहना है कि लक्ष्मी का करीब 1 घंटे से ज्यादा का वीडियो है, उसमें वह जो बोल रही है. वह किस मनोदशा में बोल रही है, उसका अध्ययन क्लिनिकल साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी से किया जाता है. इसके लिए सीएसएसएल दिल्ली का सहारा लिया जा रहा है. इससे पहले पुलिस ने एमडीएम अस्पताल जोधपुर में भी यह प्रयास किया लेकिन सही फाइंडिंग नहीं होने से सफलता नहीं मिली. जबकि जोधपुर एम्स ने इससे इंकार कर दिया था. देश में चर्चित बुराड़ी आत्महत्या प्रकरण में यह जांच हुई थी.

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