जोधपुर.अक्षय तृतीया शादी विवाह का अबूझ सावा (Akshay Tritiya In May 3 2022) कहलाता है. इस दिन हजारों की संख्या में शादियां राजस्थान में होती हैं. इनमें बाल विवाह भी बड़ी संख्या में होने की आशंका बनी रहती है. तमाम तरह के प्रयासों के बावजूद गाहे बगाहे कई जगहों पर बाल विवाह हो भी जाते हैं. इस बार अक्षय तृतीया का सावा धूम सावे के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल, दो साल तक कोरोना की बाध्यता थी. ऐसे में इस बार इस सावे (3 मई 2022) पर बाल विवाह भी हो सकते हैं. इसका डर शिक्षा विभाग (Instructions By Rajasthan Education Department) को भी सता रहा है. जिसे देखते हुए विभाग ने अपने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं.
शिक्षा विभाग ने जारी की एसओपी:शिक्षा विभाग की ओर से जारी SOP में विद्यालय स्तर पर प्रत्येक विद्यार्थी की दैनिक उपस्थिति (Child Marriage in Rajasthan) के साथ ही अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही किसी भी विद्यार्थी की अनुपस्थिति संदेहास्पद लगने पर विद्यार्थी के घर जाकर उसका पता लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं. जारी SOP में कहा गया है कि विद्यालय स्तर पर बाल विवाह होने या इसकी सूचना मिलने पर संबंधित थानाधिकारी और बाल विवाह निषेध अधिकारी को इसकी सूचना की जाए.
क्या है निर्देश?: अक्षय तृतीया से पहले लगातार कक्षा पहली से बारहवीं का कोई छात्र या छात्रा अनुपस्थित रहते हैं तो उनके अभिभावकों को फोन कर पूछा जाए कि वे स्कूल क्यों नहीं आ रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जिन बच्चों के बाल विवाह तय होते हैं उनके अभिभावक उन्हें स्कूल भेजना बंद कर देते हैं. इस स्थिति में निर्देश है कि घर जाकर ये पता लगाया जाए की कहीं उनका बाल विवाह तो नहीं हो रहा है. जोधपुर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी भूल्लराम खींचड़ का कहना है कि पाठशाला प्रबंधन समितियां सभी जगह पर अभिभावकों की बैठक लेकर बाल विवाह को लेकर जागरूक भी कर रही हैं. बच्चों को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है.