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SPECIAL : बाजारों में विटामिन C की बढ़ी डिमांड, जानें क्या है इसके फायदे... - विटामिन सी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता

विटामिन सी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. इसके नियमित सेवन से सर्दी, खांसी और अन्य तरह के इन्फेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है. इतना ही नहीं, यह अनेक प्रकार के कैंसर से भी बचाव करता है और आपको हर तरह से स्वस्थ बनाए रखता है. यही वजह है कि मार्केट में इन दिनों विटामिन सी की खपत बढ़ी है. क्या है इसके फायदे और क्यों शरीर के लिए जरूरी है विटामिन सी, देखें यह रिपोर्ट...

Vitamin C is beneficial in corona,  vitamin C beneficial in corona
बाजारों में विटामिन C की बढ़ी डिमांड

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Published : Aug 8, 2020, 4:40 PM IST

जोधपुर.कोरोना काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन C को ज्यादा कारगर माना गया है. इसके अलावा विटामिन B और D भी फायदेमंद है. डॉक्टर्स भी मरीजों को इनसे जुड़ी दवाइयां लिख रहे हैं. खासतौर से विटामिन सी की डिमांड मार्केट में इन दिनों तेजी से बढ़ी है.

फार्मा बाजार के जानकारों का कहना है कि विटामिन सी की टेबलेट की बिक्री में 15 फीसदी उछाल आया है. यह और ज्यादा भी हो सकता है. लेकिन कोरोना के संदिग्ध और पॉजिटिव रोगियों का उपचार सरकारी स्तर पर ज्यादा होने से सरकारी आपूर्ति की दवाइयां ही मिल रही हैं. बाजार में विटामिन C के टेबलेटों की बिक्री लगातार बढ़ रही है.

बाजारों में विटामिन C की बढ़ी डिमांड

एक तरफ तो जोधपुर के बाजार में इसकी उपलब्धता बनी हुई है, लेकिन दूसरी ओर एंटीबायोटिक की बिक्री में गिरावट आ रही है. दवा व्यापारियों का कहना है कि एंटीबायोटिन का प्रिस्किप्शन नहीं मिलने से ये दवाइयां बिकना बंद हो गई हैं. इसके अलावा ज्यादातर रोगी कोरोना के चलते सरकारी अस्पतालों में जाते हैं, वहां पर एंटीबायोटिक की जगह इम्युनिटी बढ़ाने की दवाइयां पर जोर रहता है. जिसमें विटामिन C, B और D लिखी जाती है.

यहां तक की एजिथ्रोमाइसिन जो सर्वाधिक बिकने वाला एंटीबायोटिक था. उसकी बिक्री कोरोना काल में 25 फीसदी कम हो गई है. जबकि इसका उपयोग कोरोना में सरकारी अस्प्तालों में बिना लक्षणों वालों मरीजों में किया जाता है. फार्मासिस्ट बताते हैं कि इंजेक्टेबल एंटीबोयोटिक, जो कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों को लगाया जाता है, उसकी खपत तो है, लेकिन वे भी सरकारी अस्पताल में ही काम आ रहे हैं.

ये हैं फायदे

क्या है विटामिन सी

विटामिन सी को एस्कॉर्बिक एसिड के नाम से भी जाना जाता है. यह हमारे शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए अति आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है. विटामिन सी केवल इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य स्पनपायी जानवरों के लिए भी जरूरी है. फर्क सिर्फ इतना है कि बहुत से स्तनपायी जानवर अपने शरीर की कोशिकाओं की मदद से विटामिन उत्पन्न कर लेते हैं, जबकि मानव, गुरिल्ला इत्यादि ऐसा नहीं कर सकते. यही वजह है कि हमारे लिए विटामिन सी से भरपूर फल व सब्जियों या फिर सप्लीमेंट्स का सेवन करना जरूरी हो जाता है. हेल्दी रहने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप इसकी सही क्वॉन्टिटी लें और सही टाइम पर लें.

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क्यों फायदेमंद है विटामिन सी

फिजिशियन और कोविड प्रभारी डॉ. कुलबीर सिंह बताते हैं कि विटामिन शरीर में व्हाइट ब्लड सेल (WBC) बनाने में विटामिन सी का बड़ा योगदान है. हर दिन 1 हजार मिलीग्राम विटामिन सी की जरूरत शरीर को होती है. जो घरेलू खट्टी सामग्री यानी सब्जी और मसालों से मिलती है. इसके अलावा विटामिन सी की टेबलेट लेकर भी इसकी कमी पूरी की जा सकती है.

विटामिन सी युक्त आयुर्वेदिक औषधियां

हमें इसकी आवश्यकता क्यों है?

हमारे शरीर में विटामिन सी की भूमिका एक संरक्षक की होती है. यह पोषक तत्व फ्री रेडिकल्स से हमारी कोशिकाओं का बचाव करता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिसके कारण सर्दी, खांसी व अन्य तरह के इन्फेक्शन होने का खतरा कम होता है. इतना ही नहीं, यह अनेक प्रकार के कैंसर से भी बचाव करता है. साथ ही, शरीर में विटामिन ई की सप्लाई को पुनर्जीवित करता है और आयरन के अवशोषण की क्षमता को भी बढ़ाता है. यह एक ऐंटि-एलर्जिक और ऐंटि-ऑक्सिडेंट के रूप भी काम करता है और दांत, मसूड़ों व आंखों को भी स्वस्थ रखने में भी मदद करता है.

डॉ. कुलबीर के मुताबिक विटामिन सी की कमी होने से किसी भी तरह का संक्रमण होने से लिम्फोलाइट्स प्रभावित होते हैं, इससे संक्रमण बढ़ता है. ऐसे में विटामिन सी की खुराक लेना इन दिनों फायदेमंद है. इसके अलावा जिंक भी बहुत कारगर है. डॉ. कुलबीर बताते है कि जिंक गले की संक्रमित कोशिकाओं को दुरुस्त करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसके उपयोग से कोविड रोगियों को फायदा हो रहा है.

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बदलती जीवन शैली से घट रही एंटीबायोटिक की खपत

कोरोना काल में लोगों को सामान्य जीवन में भी हाथ धोने की आदत शुमार हो गई है. इससे कई सामान्य उल्टी दस्त और अन्य बीमारियां, जो हल्के संकमण से होती थी, उसमें भी कमी आई है. जिसके चलते मार्केट में एंटीबायोटिक की खपत घटी है. लोग काफी अवेयर हो चुके हैं. ऐसे में वे फिलहाल अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर ही जोर दे रहे हैं.

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