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जोधपुर: पूर्वजों के गहने की दोगुनी कीमत लेने के चक्कर में गंवाई एंटीक ज्वेलरी

जोधपुर में ठगी का मामला सामने आया है. जहां एंटीक हैंडिक्राफ्ट खरीदने के नाम पर बदमाशों की गैंग ने शहर के एक होटल व्यवसायी को लाखों का चूना लगा दिया है.

big fraud incident in jodhpur
जोधपुर में ठगी की बड़ी वारदात

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Published : Oct 6, 2021, 3:22 PM IST

Updated : Oct 6, 2021, 7:21 PM IST

जोधपुर.क्षेत्र में बड़ी ठगी का मामला सामने आया है. जहां एटीक हैंडिक्राफ्ट खरीदने के नाम पर बदमाशों की एक गैंग ने शहर के एक होटल व्यवसायी को लाखों का चूना लगा दिया है. बदमाशों ने इसके लिए पहले होटल व्यवसायी की हवेली की पुरानी लकड़ी की छत लाखों रुपए में खरीद कर उसका भुगतान करने का विश्वास जताया. इसके बाद परिवार की एंटिक ज्वेलरी की दोगुनी कीमत में सौदा कर बदमाश मौके से फरार हो गए.

होटल व्यवसायी ने प्रतापनगर थाने में एक महिला सहित चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है. मामले के अनुसार मार्च 2020 में भानू प्रतापसिंह भाटी के परिचित विक्रात सिंह उसकी पत्नी गुंजन, मनीष अरोड़ा संजय अरोड़ा आए और बताया कि जर्मनी में एंटीक ज्वेलरी की एग्जिबिशन लगने वाली है. जिसमें राजस्थान के राजपूत परिवार की सौ साल से पुरानी ज्वेलरी जिसमें माणक मोती लगाने की डिमांड है. अगर आपके पास या मिलने वाले के पास है बताइए अच्छी ​कीमत देंगे. भानू प्रतापसिंह पहले भी विक्रांत सिंह और उसकी पत्नी के साथ काम कर चुका था. इसलिए विश्वास कर लिया और अपने पूर्वजों के करीब 57 तोला वजन के सोने के आभूषण दिखाए. जिनमें माणक, पन्ने भी लगे हुए थे.

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साठ लाख चपत लगाकर गायब हुए बदमाश

दोगुनी कीमत में किया सौदा भानूप्रताप ने अपने परदादा के जमाने का बीस तोला सोने का कंदोरा, 22 तोले के बाजूबंद और 15 तोला का तिमणियां गले का हार दिखाया. जिसमें ​माणक और पन्ने भी थे. विक्रात सिंह और उसकी पत्नी ने 57 तोले के आभूषण की कीमत 65 लाख रुपए बताई. जिसे भानू प्रतापसिंह ने तुरंत स्वीकार कर लिया. विक्रांत सिंह ने कहा कि यह आईटम वें जर्मनी में लगने वाली प्रदर्शनी में ले जाएंगे. वहां जो नहीं बिकेगा वह वापस कर देंगे. भुगतान इसे बाद ही होगा. पेशगी के तौर पर पांच लाख रुपए दिए. बकाया राशि का अग्रिम चैक आगे की तारीख का देकर एंटीक ज्वेलरी लेकर निकल गए.

सौदा होने के बाद लॉकडाउन लगा जिसके चलते उन से संपर्क नहीं हो पाया था. भानू प्रताप विश्वास में था कि उसके पास चैक रखा है. इस दौरान चारों का उससे संपर्क भी नहीं हुआ. करीब छह माह तक बात नहीं हुई तो उसने एचडीएफसी बैंक का चैक लगाया लेकिन चेक रिर्टन हो गया. इसके बाद भानू प्रताप को लगा कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है. विक्रांत के बताए दिल्ली के पते पर गया तो वहां कोई नहीं मिला. यह भी उसके ध्यान में आया कि गुंजन उसकी पत्नी नहीं है. जिसके बाद भानूप्रताप ने अपने स्तर पर प्रयास​ किए उनके फोन बंद आने लगे. मनीष व संजय अरोड़ा को नोटिस भी भेजा लेकिन उन्होंने सही जवाब नहीं दिया. 12 लाख में लकड़ी की छत खरीद बनाया विश्वास पुलिस के अनुसार होटल व्यवसायी भानूप्रताप सिंह की होटल लेक व्यू पैलेस में 2017 में जोधपुर के मनीष अरोड़ा ने विक्रांत सिंह से मुलाकात यह कहकर करवाई कि आहूजा हैंडीक्राफ्ट के मालिक हैं.

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विक्रांत सिंह और उनकी पत्नी गुंजन हैंडीक्राफ्ट का बड़ा काम करते हैं. विक्रांत सिंह के कई बार आने जाने से पहचान बढ़ती गई. 2017 जून में विक्रांत और उसकी पत्नी ने भानूप्रताप सिंह को कहा कि पुरानी हवेली की छत जो लकड़ी की बनी होती है उसकी आजकल विदेशों में बहुत डिमांड है. इस पर भानूप्रताप ने अपनी पुरानी हवेली की छत दिखाई तो विक्रांत और उसकी पत्नी को पसंद आ गई. 12 लाख में सौदा तय हो गया. जिसका भुगतान नकद कर दिया गया. इसके बाद विक्रांत और उसकी पत्नी होटल आते जाते रहते ​थे. लगातार आपस में बातचीत भी होती थी. इससे भानूप्रताप सिंह का विश्वास बढ़ गया था.

Last Updated : Oct 6, 2021, 7:21 PM IST

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