जोधपुर.मुख्य न्यायाधीश एस. रविंद्र भट्ट और जस्टिस दिनेश मेहता की खंडपीठ में पूर्व में दायर याचिकाकर्ता पुरुषोतम अग्रवाल की याचिका के तहत शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मोती सिंह ने कोर्ट में जोधपुर की सड़कों पर बकरों की बिक्री की तस्वीरें दिखाई. इसे कोर्ट के आदेशों की अवहलेना बताते हुए हटाने की गुहार लगाई. इस पर खंडपीठ ने तुरंत प्रभाव से अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित से कहा कि दो घंटे में यह जगह खाली करें.
बकरा मंडी हटाने के लिए हाईकोर्ट ने एक दिन में की 5 बार सुनवाई साथ ही यह बताएं कि इन्हें कहां शिफ्ट करेंगे. इसके बाद दोपहर दो बजे सुनवाई शुरू हुई तो सरकार की ओर से कहा गया कि अभी कार्रवाई जारी है. इस पर कोर्ट ने थोड़ा समय और दिया. इस दौरान पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और मवेशियों को सड़कों से हटवाना शुरू कर सड़क की एक लेन खाली करवाई. इसके बाद तीसरी बार सुनवाई शुरू हुई तो सरकारी वकील ने कहा कि सड़क से मवेशियों को हटा दिया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने फिर मौके की ताजी तस्वीरें पेश की.
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इस पर खंडपीठ ने नाराजगी जताई और कहा कि लगता है कि जोधपुर पुलिस कमिश्नर और नगर निगम आयुक्त को अवमानना के लिए बुलाना पड़ेगा. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश के पीपीएस को मौके की रिपोर्ट के लिए भेजा. जिन्होंने जाकर अपनी रिपोर्ट में बताया कि पालना पूरी नहीं हुई. इस पर चौथी बार सुनवाई तो अतिरिक्त महाधिवक्ता ने खंडपीठ ने आग्रह किया कि दो दिन बाद त्योहार है. ऐसे में पूरी जगह खाली करना संभव नहीं है. इस पर कोर्ट ने एक ही जगह पर रखने का क्षेत्र का प्लान मांगा, जिस पर 5वीं बार शाम को सुनवाई हुई. इसमें एक नक्शा प्लान पेश किया गया.
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कोर्ट के निर्देश पर टाउनहॉल और उम्मेद स्टेडियम के सामने की सड़कें खाली हो गई. जबकि स्टेडियम के पीछे के दरवाजे की सड़क पर सभी मवेशियों को रखा गया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि खुले आम मवेशियों को कत्ल करने पर रोक लगाने और आवश्यकता होने पर नगर निगम के शेल्टर हाउस में जाकर वध करवाने के निर्देश है. इसकी पालना नहीं हो रही है. इस पर कोर्ट ने कहा कि इन सभी पर आगे सुनवाई में ही निर्धारण किया जा सकता है. अंतरिम प्रार्थनापत्र पर यही आदेश लागू रहेंगे, जिसके तहत आगे से जोधपुर में खुले में जगह-जगह पशुओं की बिक्री नहीं होगी.