जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे याचिकाकर्ता की पैरोल याचिका को खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने कहा है कि घर की मरम्मत के लिए किसी प्रकार की आकस्मिक पैरोल का प्रावधान नहीं है. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गजेन्द्र की पत्र के द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है.
घर की मरम्मत के लिए नहीं है आकस्मिक पैरोल का प्रावधान, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
राजस्थान हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक बंदी की पैरोल याचिका को खारिज कर दी. बंदी ने घर की मरम्मत के लिए हाईकोर्ट को पत्र लिखा था. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि घर की मरम्मत के लिए आकस्मिक पैरोल का प्रावधान नहीं है.
याचिकाकर्ता बाड़मेर का निवासी और जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. उसने जिला पैरोल कमेटी के समक्ष घर की मरम्मत के लिए पैरोल का आवेदन किया था, लेकिन जिला पैरोल कमेटी ने पैरोल नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह घर की मरम्मत के लिए पैरोल का प्रावधान नहीं है.
ऐसे में याचिकाकर्ता ने राजस्थान हाईकोर्ट को पत्र लिखा जिसे याचिका मानते हुए पैरोल याचिका पर सुनवाई की गई. पैरोल नियम नहीं होने की वजह से उच्च न्यायालय ने भी याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि घर की मरम्मत के लिए आकस्मिक पैरोल का प्रावधान नहीं है.