जोधपुर. शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में एक 80 वर्षीय मरीज जिसके हृदय की तीनों प्रमुख धमनियों में ब्लॉकेज थे, जो कि कैल्शियम से बने थे. जिन्हें सामान्य एंजियोप्लास्टी से नहीं हटाया जा सकता था, क्योंकि इस दौरान धमनी फटने के खतरा रहता है. ऐसे में गत माह भारत में लांच हुई इंट्रा वैस्क्युलर शॉक वेव लिथोट्रिप्सी तकनीक का उपयोग किया गया है.
उत्तर भारत में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में इस तकनीक का उपयोग करते हुए विभाग के कार्डियोलोजिस्ट डॉ पवन सारड़ा ने मरीज की धमनियों के कैल्शियम से बने ब्लॉकेज हटाकर तीनों धमनियों में स्टेंट लगाकर मरीज को राहत प्रदान की है. डॉ सारड़ा ने बताया कि विभागाध्यक्ष डॉ संजीव सांघवी के निर्देशन में लिथोट्रिप्सी तकनीक का उपयोग किया गया. इस तकनीक में मरीज की धमनी में ब्लॉकेज हटाने के लिए जो बैलून भेजा जाता है, वह शॉक वेव तकनीक से लैस होता है.