जोधपुर. बहुचर्चित काला हिरण शिकार मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान को शनिवार को कोर्ट में पेश होना है. इस मामले में वे जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में 16 बार हाजिरी माफी ले चुके हैं. कोरोना काल में ही उन्हें 6 बार हाजिरी माफी मिल चुकी है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि इस बार सलमान कोर्ट में उपस्थित होंगे या एक बार फिर उनकी तरफ से हाजिरी माफी मांगी जाएगी.
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उनके जोधपुर आने को लेकर अभी तक संशय बना हुआ है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश में काला हिरण शिकार से जुड़े चार मामले चल रहे हैं. 1 दिसंबर को न्यायाधीश ने उन्हें 16 जनवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दे रखा है. 1 दिसंबर को सलमान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत की तरफ से कोर्ट में पेश हाजिरी माफी में कहा गया है कि सलमान खान मुंबई में निवास करते हैं. मुंबई व जोधपुर में कोविड-19 महामारी भयंकर रूप से फैली हुई है. इन परिस्थितियों में सलमान का पेशी के लिए जोधपुर आना खतरे से खाली नहीं है. इस कारण सलमान खान कोर्ट में पेश नहीं हो सके हैं. ऐसे में विनम्र अनुरोध है कि सलमान को हाजिरी माफी प्रदान की जाए. अब कोरोना का प्रभाव काफी कम हो चुका है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि सलमान कोर्ट में पेश होने के लिए जोधपुर आएंगे या नहीं.
लगातार हाजिरी माफी...
अप्रैल 2018 में सलमान खान ने ट्रायल कोर्ट से मिली 5 साल की सजा को जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चुनौती दी थी. इसके बाद वे एक बार कोर्ट में पेश हुए. ढाई साल की इस अवधि में इसके अलावा प्रत्येक पेशी पर वे किसी न किसी कारण से हाजिरी माफी लेते रहे. सलमान को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर 437ए के मुचलके पेश करने हैं, लेकिन वे 16 बार हाजिरी माफी का लाभ ले चुके हैं. कोरोना काल में उनकी पहली पेशी 18 अप्रैल को, दूसरी 4 जून को, तीसरी पेशी 16 जुलाई को, चौथी 14 व पांचवी 28 सितंबर को और छठी पेशी 1 दिसंबर को थी, लेकिन सलमान की तरफ से कोरोना के नाम पर हाजिरी माफी मांगी गई. कोर्ट ने भी कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए हर बार सलमान को हाजिरी माफी प्रदान की.
इन मामलों की होगी सुनवाई...
काला हिरण शिकार प्रकरण में तत्कालीन सीजेएम ग्रामीण देव कुमार खत्री की अदालत ने बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार के मामले में 5 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए सलमान खान को पांच साल की सजा के आदेश दिये थे. इस मामले में सह आरोपी फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, तब्बू व सोनाली बेंद्रे को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. सलमान खान को उस समय गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया था. तीन दिन बाद वे कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर रिहा हुए थे. सलमान खान ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर जिला के समक्ष उनको सुनाई गई पांच साल की सजा को चुनौती दी थी. वहीं, दूसरे मामले में तत्कालीन सीजेएम ग्रामीण दलपत सिंह राजपुरोहित ने सलमान खान को अवैध हथियारों के मामले में 18 जनवरी 2017 को बरी कर दिया था. सलमान खान को बरी करने पर राज्य सरकार की ओर से जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर जिला में चुनौती दी थी. जबकि दो अपीलें सरकार की ओर से पेश की गई थीं, जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से सलमान खान के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत पेश दोनों प्रार्थना पत्रों को तत्कालीन सीजेएम जोधपुर ग्रामीण अंकित रमन ने 17 जून 2019 को खारिज करते हुए सलमान को राहत दी थी. इन सभी मामलों पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जोधपुर जिला में अपीलें विचाराधीन हैं.
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1998 के दौरान का है पूरा मामला...
जोधपुर पुलिस ने सलमान खान व अन्य के खिलाफ 2 अक्टूबर 1998 को हिरण शिकार का मामला दर्ज किया. सलमान के खिलाफ हिरण शिकार का मामला विश्नोई समुदाय की तरफ से दर्ज कराया गया था. सलमान खान के खिलाफ तीन अलग-अलग स्थानों पर हिरण शिकार व अवधि पार लाइसेंस के हथियार रखने के मामले दर्ज किए गए. इस मामले में सलमान खान को 12 अक्टूबर 1998 को गिरफ्तार किया गया. पांच दिन बाद वे जमानत पर रिहा हुए.
भवाद में हिरण शिकार के एक मामले में 17 फरवरी 2006 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सलमान को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई. घोड़ा फार्म हाउस क्षेत्र में शिकार मामले में 10 अप्रैल 2006 को कोर्ट ने सलमान को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा व 25 हजार का जुर्माना लगाया. सलमान ने इन दोनों सजा के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जहां से सलमान खान को दोनों ही मामलों में बरी कर दिया गया था. सलमान को दोनों मामलों में बरी करने पर राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जो कि अभी तक विचाराधीन है. वहीं, काला हिरण शिकार प्रकरण में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई गई. जबकि आर्म्स एक्ट के मामले में उन्हें बरी कर दिया गया.