जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट खंडपीठ में कोरोना से मृत्यु होने पर शव को शहर से बाहर दूरस्थ स्थान पर दफनाने का आदेश देने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास को इस संबंध में जोधपुर जिला कलेक्टर द्वारा जारी दोनों आदेश की प्रति कोर्ट में पेश करने का निर्देश देते हुए 3 जुलाई को अगली तारीख मुकरर्र कर दी है.
माइनॉरिटी रिलीफ सोसायटी की ओर से राजस्थान हाइकोर्ट मुख्यपीठ जोधपुर में सोसायटी के उपाध्यक्ष अब्दुल मतीन की ओर से अधिवक्ता शेखर मेवाड़ा और करमेंन्द्र सिंह ने जनहित याचिका दाखिल की.
गौरतलब है कि पूर्व में राजस्थान हाईकोर्ट एकलपीठ में याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, जोधपुर जिला कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किए थे. लेकिन गंभीर मुद्दे और व्यापक जनहित होने के चलते एकलपीठ ने 04 जून को याचिका यह कहते हुए निस्तारित कर दी थी कि ये मामला जनहित का है और राजस्थान हाईकोर्ट खंडपीठ में ही सुनवाई हो सकती है. ऐसे में खंडपीठ के समक्ष जनहित याचिका पेश करने के निर्देश दिए थे. जिस पर सोसायटी की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट खंडपीठ के समक्ष जनहित याचिका पेश की गई.
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सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने पक्ष रखते हुए कहा कि प्रशासन की ओर से शवों को उनके परिजनों को सुपुर्द कर रहे हैं. अभी तक ऐसा एक भी संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है, जो किसी शव को दफनाने की वजह से संक्रमित हुआ हो. सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी और प्रोटोकॉल के अनुसार ही शवों को दफनाने के लिए प्रकिया अपनाई जा रही है. प्रशासन पहले से ही काफी सजग व सतर्क है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शेखर मेवाड़ा ने याचिका में कहा था कि कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों को सिवांची गेट कब्रिस्तान में दफनाया जा रहा है. इस कब्रिस्तान के चारो ओर हजारों की संख्या में घनी आबादी बसी हुई है. जिसमें सकीना कॉलोनी, जाकिर हुसैन कॉलोनी, हकीम कॉलोनी व अन्य सैकड़ों परिवार कब्रिस्तान के चारों ओर निवास करते हैं. जाकिर हुसैन कॉलोनी में निवास करने वाले परिवारों के घरों की खिड़की-दरवाजे तक कब्रिस्तान में खुले हुए हैं. किसी भी समय मय्यत आने पर कब्र की खुदाई करने वाले, दफनाने का कार्य करने वाले, फकीरों के परिवार तो कब्रिस्तान के अंदर ही रहते हैं, जिनके संक्रमित होने की पूरी संभावना है.