जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष जैसलमेर की गड़ीसर झील को संरक्षित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, लेकिन प्रमुख शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग ने पेश होने के लिए समय चाहा. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास के खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री व अधिवक्ता सुनील पालीवाल द्वारा पक्ष रखते हुए न्यायालय में प्रस्तुत शपथ पत्र पर बहस की गई.
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पूर्व पेशी पर न्यायालय की ओर से प्रमुख शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग जयपुर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया गया था, जिस पर प्रमुख शासन सचिव की ओर से पेश होने हेतु समय चाहा गया. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए गड़ीसर को झील घोषित करने का प्रस्ताव 12 फरवरी 2021 को जिला स्तरीय झील संरक्षण समिति जैसलमेर के द्वारा कलेक्टर जैसलमेर की अध्यक्षता में राज्य सरकार को अग्रिम कार्रवाई हेतु प्रेषित किए गए, जिसमें सरकार की ओर से स्वायत शासन विभाग की ओर से जिला स्तरीय झील संरक्षण समिति के प्रस्ताव पर अग्रिम कार्रवाई करते हुए शीघ्र गड़ीसर को झील घोषित करने की अधिसूचना जारी करने का न्यायालय को आश्वासन दिया गया.
इसके लिए समय चाहा गया जिस पर न्यायालय की ओर से आगामी तारीख पेशी 15 मार्च 2021 नियत करते हुए पुनः प्रमुख शासन सचिव स्वायत शासन विभाग जयपुर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश पारित किए गए. याची के अधिवक्ता को सूचना का अधिकार अधिनियम में प्राप्त सूचना के अनुसार गड़ीसर झील और 10 अन्य जिलों की केंद्रीय सरकार की ओर से वर्ष 2010 में राष्ट्रीय झील संरक्षण नीति में शामिल करते हुए विशेषतः आईआईटी रुड़की के सहयोग से गड़ीसर के संरक्षण हेतु योजना तैयार करते हुए डीपीआर तैयार की गई.
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जिसमें गड़ीसर झील को सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत के मूल्य भूत धार्मिक महत्व की झील बतलाया गया है. प्रमुख शासन सचिव जयपुर को राज्य सरकार की ओर से झील विकास प्राधिकरण जयपुर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इस प्रकार राष्ट्रीय झील संरक्षण नीति के अनुसार विशेष रूप से तैयार की गई डीपीआर को परियोजना निदेशक की ओर से राजस्थान झील विकास प्राधिकरण अधिनियम प्रभाव में आ जाने के पश्चात जिलों की डीपीआर तैयार करते हुए संपूर्ण रिकॉर्ड को राजस्थान झील विकास प्राधिकरण जयपुर को साल 2016 को सुपुर्द किया गया.
इसमें बांसवाड़ा की दयालब तालाब झील, बूंदी की जेत सागर झील, किशनगढ़ की गंडोलाव तालाब झील, डूंगरपुर की गप सागर झील, राजसमंद की राजसमंद झील, जोधपुर की कायलाना झील, जैसलमेर की गड़ीसर झील पर राज्य सरकार की ओर से आज दिन तक विशेष रूप से झीलों के संरक्षण हेतु कोई आवश्यक कदम और कार्य नहीं करवाए गए हैं.