जोधपुर. बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के अधिवक्ता ने निजी कारणों के चलते न्यायालय से आग्रह किया कि सुनवाई को फिलहाल टाल दिया जाए. जिस पर न्यायालय ने दो सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दिया है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से भी एएजी फरजंद अली को जवाब पेश करना था, लेकिन सरकार को भी जवाब पेश करने के लिए समय मिल गया है. ट्रायल कोर्ट में चल रही तीनों अपीलों पर फिलहाल उच्च न्यायालय (High Court) की अंतरिम रोक के चलते सुनवाई रुकी हुई है.
गौरतलब है कि अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने सलमान खान की ओर से ट्रांसफर पिटीशन में बताया कि सलमान खान के काले हिरण शिकार (Salman Khan Blackbuck Poaching Case) से जुड़े मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय जोधपुर जिला में तीन अपीलें विचाराधीन हैं, जिनका संबंध एक ही केस से है. एक अपील शिकायतकर्ता पूनमचंद की ओर से बरी किए गए सैफ अली खान व अन्य के खिलाफ पेश की गई है.
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वहीं, दूसरी अपील राज्य सरकार की ओर से सलमान खान को अवैध हथियार में बरी करने के खिलाफ पेश है, जबकि तीसरी अपील सलमान खान की ओर से काले हिरण शिकार मामले में पांच साल की सजा के खिलाफ पेश है. एक अपील राज्य सरकार की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में पहले ही सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेन्द्रे व दुष्यन्त सिंह के खिलाफ पेश की गई थी, क्योकि हिरण शिकार के मामले में सलमान को पांच साल की सजा हुई एवं बाकी को दोष मुक्त कर दिया था.
ऐसे में जब पहले ही सरकार की ओर से अपील उच्च न्यायालय में पेश कर दी गई है तो सलमान से जुड़ी सभी अपीलों पर राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) में ही सुनवाई की जाए. सारस्वत ने उच्च न्यायालय को बताया कि पूर्व में भी सलमान खान से जुड़ी दो अपीलों पर राजस्थान उच्च न्यायालय में ट्रांसफर कर सुनवाई की गई थी. जिसके लिए उच्च न्यायालय ने याचिका संख्या 23/2011 में 04.11.2011 को आदेश पारित किया था. ऐसे में वर्तमान में भी तीन अपीलें अपीलांट कोर्ट में विचाराधीन हैं, उनको राजस्थान उच्च न्यायालय में ट्रांसफर किया जाए.
1998 के दौरान का है पूरा मामला-जोधपुर पुलिस ने सलमान खान व अन्य के खिलाफ 2 अक्टूबर 1998 को हिरण शिकार का मामला दर्ज किया. सलमान के खिलाफ हिरण शिकार का मामला विश्नोई समुदाय की तरफ से दर्ज कराया गया था. सलमान खान के खिलाफ तीन अलग-अलग स्थानों पर हिरण शिकार व अवधि पार लाइसेंस के हथियार रखने के मामले दर्ज किए गए. इस मामले में सलमान खान को 12 अक्टूबर 1998 को गिरफ्तार किया गया. पांच दिन बाद वे जमानत पर रिहा हुए.
भवाद में हिरण शिकार के एक मामले में 17 फरवरी 2006 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सलमान को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई. घोड़ा फार्म हाउस क्षेत्र में शिकार मामले में 10 अप्रैल 2006 को कोर्ट ने सलमान को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा व 25 हजार का जुर्माना लगाया. सलमान ने इन दोनों सजा के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जहां से सलमान खान को दोनों ही मामलों में बरी कर दिया गया था. सलमान को दोनों मामलों में बरी करने पर राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जो कि अभी तक विचाराधीन है. वहीं, काला हिरण शिकार प्रकरण में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई गई. जबकि आर्म्स एक्ट के मामले में उन्हें बरी कर दिया गया.