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बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के जनरल हाउस की बैठक और चेयरमेन चुनाव को स्थगित करने के मामले में हुई सुनवाई - जनरल हाउस की बैठक

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक आदेश जारी कर रविवार को आयोजित होने वाले बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के जनरल हाउस की बैठक, चेयरमेन और को-चेयरमेन के चुनाव को स्थगित किया है. वहीं, इस आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है. रविवार को अवकाश के बावजूद विशेषपीठ का गठन करते हुए डॉ. न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत में सुनवाई हुई.

Bar Council of Rajasthan, राजस्थान उच्च न्यायालय
जस्थान उच्च न्यायालय में रविवार को हुई सुनवाई

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Published : Feb 28, 2021, 2:38 PM IST

जोधपुर.बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक आदेश जारी कर रविवार को आयोजित होने वाले बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के जनरल हाउस की बैठक, चेयरमेन और को-चेयरमेन के चुनाव को स्थगित किया है. बार काउंसिल के सदस्य कुलदीप कुमार शर्मा व अन्य की ओर से बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया के उस आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है. रविवार को अवकाश के बावजूद विशेषपीठ का गठन करते हुए डॉ. न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत में सुनवाई हुई.

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सुनवाई के बाद बार कौंसिल ऑफ इंडिया सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए 2 मार्च तक जवाब तलब किया गया है. याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार शर्मा व अन्य की ओर से अधिवक्ता विकास बालिया ने पक्ष रखते हुए बताया कि बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष व सह अध्यक्ष का कार्यकाल 15 फरवरी को समाप्त हो गया था. बार कौंसिल ऑफ राजस्थान का जनरल हाउस रविवार 28 फरवरी को रखा गया था, जिसमें अध्यक्ष और सह अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श होना था, लेकिन बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक आदेश जारी करते हुए जनरल हाउस एवं चुनाव को स्थगित कर दिए हैं.

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बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने अपने आदेश में यह कारण बताया कि राजस्थान बार काउंसिल के एक सदस्य सज्जनराज सुराणा का निधन हो चुका है. ऐसे में जब तक उनकी सीट खाली है. तब तक चुनाव नहीं हो सकते. पहले खाली सीट पर किसी की नियुक्ति होने के बाद ही चुनाव हो सकता है, जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि सेक्शन 13 एडवोकेट एक्ट 1961 में कहा गया कि किसी भी रिक्त पद की वजह से बार काउंसिल की कोई भी कारवाई अमान्य नहीं हो सकती है. अधिवक्ता ने कहा कि निर्वाचित अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है. ऐसे में न्याय हित में चुनाव करवाये जाने आवश्यक है. उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए 02 मार्च को जवाब तलब किया है. वहीं याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी है कि वो ई-मेल के जरिए या अन्य किसी भी जरिए से नोटिस सर्व करवा सकते हैं.

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