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Published : Aug 5, 2019, 2:48 PM IST

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जोधपुर : देश में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए याचिका की सुनवाई

जोधपुर उच्च न्यायालय ने जयपुर उच्च न्यायालय के साथ मिलकर एक अनूठा प्रयोग किया है. कोर्ट ने 5 प्रतिशत आरक्षण देने को चुनौती देने वाली याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करी है. गौरतलब है कि देश में यह अपनी तरह का पहला मामला है.

गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई

जोधपुर. प्रदेश में गुर्जर सहित अन्य जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने को चुनौती देने वाली अरविंद शर्मा की याचिका पर सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. सीजे एस रविन्द्र भट्ट और जस्टिस विनीत माथुर की खंडपीठ ने जयपुर पीठ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से याचिकाकर्ता की ओर से अनुराग शर्मा ने और सरकार की ओर से एजी एमएस सिंघवी ने पक्ष रखा.

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समय अभाव के चलते सुनवाई अधूरी रही और कल भी इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी. देश मे यह पहला ऐसा मामला है जहां किसी मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की गई है. गुर्जर सहित अन्य जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने को चुनौती देने वाली याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के लिए शनिवार को तैयार की गई थी. इसके बाद आज को समय से करीब आधा घंटा पहले यानी 10 बजे मामले पर सुनवाई शुरू की गई. जहां राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर में सीजे एस रविंद्र भट्ट की खंडपीठ के समक्ष जयपुर पीठ से याचिकाकर्ता के वकील और सरकार की ओर एजी ने पक्ष रखा.

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करीब 1 घंटे तक चली सुनवाई के बाद खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए अब कल का समय मुकर्रर किया है. दरअसल, प्रदेश में सरकार ने 21 दिसंबर 2017 को गुर्जर सहित अन्य जातियों को 1% आरक्षण दिया. इसके बाद सरकार ने संशोधन कर 13 फरवरी 2019 में इसे 5% कर दिया. याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि ओबीसी सहित अन्य जातियों को 50% आरक्षण दिया है. ऐसे में अब इसमें 1% की बजाय 5% करने से यहां 54% तक हो गया है जो कि गलत है.
अधिवक्ता ने यह भी कहा कि सरकार ने इस मामले में अदालत के निर्देशों को भी नजरअंदाज करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने हाल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए 5% आरक्षण को गलत बताया है. अब इस पूरे मामले की सुनवाई 6 अगस्त को की जाएगी. जिसमें जयपुर पीठ से वकीलों ने आगरा किया है कि सुनवाई का समय सुबह 9:30 बजे से 11 बजे तक का किया जाए.

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