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राजस्थान हाईकोर्ट: सलमान खान की तरफ से FIR को निरस्त करने को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई टली - jodhpur news

राजस्थान हाईकोर्ट में फिल्म अभिनेता सलमान खान की ओर से दो अलग-अलग एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दायर याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो पाई. न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत में दोनों याचिकाएं सूचीबद्ध थी लेकिन समयाभाव के चलते सुनवाई टल गई.

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सलमान खान की याचिकाओं पर सुनवाई टली

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Published : Feb 4, 2021, 9:50 PM IST

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट में फिल्म अभिनेता सलमान खान की ओर से दो अलग-अलग एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दायर याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो पाई. न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत में दोनों याचिकाएं सूचीबद्ध थी लेकिन समयाभाव के चलते सुनवाई टल गई. एक फिल्म प्रमोशन के दौरान अपने आप को दलित जैसा कहने पर चूरू व जोधपुर में सलमान के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

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उसे निरस्त कराने को लेकर सलमान की ओर से अधिवक्ता निशांत बोडा व उनके सहयोगी डॉ. विजय पटेल ने दो विविध आपराधिक याचिकाएं दायर की थी. मामले की पहली सुनवाई में ही कोर्ट ने राज्य सरकार व शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए दोनों एफआईआर के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी थी.

राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर की ग्राम पंचायत घटोर में याचिकाकर्ताओं के रहवासी मकान को ध्वस्त करने पर अंतरिम रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की अदालत में आसुराम व अन्य पांच की ओर से अधिवक्ता रिपुदमन सिंह ने याचिका पेश कर तहसीलदार बाप की तरफ से जारी आदेश पर रोक लगाने की पैरवी की गई. याचिका में बताया गया कि तहसीलदार बाप ने धारा 91 राजस्थान भू राजस्व अधिनियम के तहत याचिकाकर्ता आसुराम व अन्य के द्वारा खसरा संख्या 1494 जो कि खातेदारी भूमि पर रहवास कर रहे थे.

पटवारी द्वारा पैमाइश करने पर पाया गया कि उक्त भूमि जिस पर याचिकाकर्ताओं के मकान बने हुए हैं वह खाता संख्या 1495 जो कि राजकीय सिवाय चक भूमि है. जिस पर याचिकाकर्ता मकान बनाकर रह रहे हैं. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रिपुदमन सिंह ने बताया कि उप खण्ड अधिकारी के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने उतनी भूमि समर्पण के लिए अर्जी विचाराधीन होने के उपरांत भी अतिक्रमण मुक्त करने के लिए तहसीलदार बाप द्वारा मकान तोड़ने का नोटिस दिया गया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के मकान तोड़ने पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर आठ सप्ताह में जवाब तलब किया है.

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