जोधपुर. सूर्यनगरी की स्वास्थ्य सेवाएं किसी ने किसी कारण अक्सर चर्चा में बनी रहती है. इस वर्ष भी कांगों फीवर का आउटब्रेक हुआ तो जोधपुर की चर्चा पूरे देश में हुई. कांगों के मरीज की पुष्टि होते ही दिल्ली और जयपुर की टीमों ने जोधपुर में डेरा डाल दिया. लगातार अथक प्रयास से इसे रोकने में कामयाबी हासिल की.
इस दौरान तीन मरीजों की मौत हुई लेकिन, कांगों हैम्रेजिक फीवर रोकने में विभाग सफल रहा, लेकिन इस स्वाइन फ्लू ने अपना कहर बरपाया. जनवरी से ही फ्लू ने शहर व जिले में पांव पसारने शुरू कर दए थे. पूरे साल में 71 मरीजों की मौत हुई. लेकिन सभी संसाधान फ्लू के वायरस के आगे बौने साबित हुए. अंतत मौसम में परिवर्तन के साथ ही इस पर लगाम लगी. लेकिन इसके तुरंत बाद डेंगू ने शहर को जकड लिया. 2 हजार से ज्यादा मरीज चिह्नित हुए. 8 लोगों की मौत भी हुई. शहर भट में फॉगिंग हुई.