राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

जोधपुरः हार्टअटैक से हुई थी मौत, कोरोना के चक्कर में 2 दिन बाद हुआ अंतिम संस्कार, रिपोर्ट नेगेटिव - Corona virus in jodhpur

जोधपुर में चिकित्सा विभाग की लापरवाही सामने आ रही है. चिकित्सा विभाग की ओर से दूसरी बीमारियों से मरने वाले लोगों की कोरोना जांच के नमूने समय पर नहीं लिए जा रहे हैं और ना ही जांच की रिपोर्ट समय पर मिल पा रही है. ऐसे में दाह संस्कार नहीं हो पाने से मृतकों के परिजन 2 दिन से भूखे प्यासे विलाप करते बेहाल हो रहे हैं.

जोधपुर में कोरोना वायरस, Rajasthan News
जोधपुर में चिकित्सा विभाग की लापरवाही

By

Published : May 17, 2020, 12:02 AM IST

जोधपुर. कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार परिजनों को नहीं करने दिया जा रहा है. लेकिन जिन लोगों की मौत इस बीमारी से नहीं हुई है, उनके अंतिम संस्कार भी 2 दिन तक नहीं हो पा रहा है.

जोधपुर में चिकित्सा विभाग की लापरवाही

चिकित्सा विभाग की ओर से दूसरी बीमारियों से मरने वाले लोगों की कोरोना जांच के नमूने समय पर नहीं लिए जा रहे हैं और ना ही जांच की रिपोर्ट समय पर मिल पा रही है. ऐसे में दाह संस्कार नहीं हो पाने से मृतकों के परिजन 2 दिन से भूखे प्यासे विलाप करते बेहाल हो रहे हैं.

केस नंबर-1

पाल रोड पर मेड़तिया गार्डन के पास रहने वाले 35 साल के गणपत भाटी पुत्र अमरचंद शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे संभवतया हार्टअटैक के कारण बाथरूम में गिर गए और बेहोश हो गए. परिजनों ने पास में रहने वाले एक कंपाउंडर को बुलाकर जांच कराई और उसके बाद मथुरादास माथुर लेकर गए. माथुर अस्पताल में गणपत पाटिल को मृत घोषित कर दिया गया. उसके बाद करीब 11 बजे शव को मोर्चरी में भिजवाया गया.

पढ़ें-Corona Update: बीते 24 घंटों में 213 नए कोरोना पॉजिटिव केस, जयपुर जेल से 119, कुल पॉजिटिव आंकड़ा 4960

बता दें कि दोपहर एक बजे कोरोना जांच के लिए उनके स्वाब का नमूना लिया गया. इसके बाद शुक्रवार शाम अंधेरा ढलने तक और शनिवार को दिनभर परिजन जांच रिपोर्ट का इंतजार करते रहे. शनिवार शाम करीब 5 बजे चिकित्सा विभाग के एक कर्मचारी ने अपने मोबाइल फोन पर कथित रूप से रिपोर्ट देखकर कहा कि नेगेटिव रिपोर्ट है, आप शव ले जा सकते हैं.

सूर्यास्त में कम समय रहने और इस दौरान तैयारियां होने की संभावना को नहीं देखते हुए परिजनों ने शव नहीं लिया. घर में जवान मौत हो जाने के बाद 2 दिन से परिजनों के मुंह में अन्न का दाना भी नहीं गया है. परिजन रो-रोकर हलकान हो गए हैं.

केस नंबर-2

पुराने शहर में राखी हाउस की गली में रहने वाले 60 साल के रामरतन मोदी को शुक्रवार सुबह 9:30 बजे सीने में दर्द होने लगा और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. परिजनों ने पास में ही रहने वाले एक डॉक्टर को बुलाया तो उसने जांच करने के बाद अस्पताल ले जाने की सलाह दी. परिजन उनको ऑटो रिक्शा में लेकर महात्मा गांधी अस्पताल गए. रास्ते बंद किए गए होने के कारण उनको नई सड़क होते हुए सोजती गेट से घूम कर गांधी अस्पताल जाना पड़ा.

परिजनों के अनुसार रामरतन में नई सड़क पर ही अंतिम सांस ले ली थी. अस्पताल में ईसीजी की गई और रामरतन को मृत घोषित कर दिया गया. करीब 12:45 बजे कोरोना वायरस जांच के लिए उनके स्वाब का नमूना लिया गया. इसकी रिपोर्ट लेने के लिए शनिवार सुबह ही राम रतन के दोनों पुत्र राजेश और गौरव सुबह 8 बजे मेडिकल कॉलेज पहुंच गए. उनको 2 घंटे बाद रिपोर्ट देने के लिए कहा गया.

पढ़ें-प्रोटोकॉल के साथ अलवर की कई फैक्ट्रियों में काम शुरू, कामगारों को मिलेगी राहत

लेकिन, 2 घंटे बीत जाने पर फिर 2 घंटे से रिपोर्ट देने का कह दिया गया. आखिर शनिवार दोपहर 2 बजे रामरतन के परिचितों ने शहर विधायक मनीषा पवार को इस बारे में शिकायत की. विधायक ने चिकित्सा अधिकारियों को फोन किया. इसके बाद करीब 3:45 बजे रामरतन का शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया, लेकिन रिपोर्ट नहीं दी गई. परिजनों ने कर्फ्यू इलाका होने के बावजूद आनन-फानन में सूरज डूबने से पहले दाह संस्कार शुरू कर दिया.

बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात नमूनों की जांच को लेकर बड़ी गड़बड़ी हुई. परिजनों को बिना बताए मोर्चरी में रखे शवों से दोबारा नमूने लिए गए और जांच के लिए भिजवाए गए. एक तरफ चिकित्सा विभाग नवीनतम तकनीक से नमूनों के जांच करने का दावा कर रहा है और दूसरी ओर नेगेटिव रिपोर्ट भी 2 दिन तक नहीं मिल पा रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details