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गजेंद्र सिंह शेखावत पर हरीश चौधरी का पलटवार, लगाया किसानों का हक छीनने का आरोप

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Published : Jun 7, 2020, 8:34 PM IST

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य सरकार पर विफल होने का आरोप लगाया था. इस पर प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पलटवार करते हुए उल्टे शेखावत पर किसानों का हक छीनने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि शेखावत को आरोप-प्रत्यारोप के बजाय रेगिस्तान के लोगों को न्याय दिलाना चाहिए.

Harish Chaudhary's statement, Jodhpur News
गजेंद्र सिंह शेखावत पर हरीश चौधरी का पलटवार

जोधपुर.केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह केंद्र द्वारा दी गई धनराशि का सही उपयोग करने में विफल रही. अपनी विफलता छिपाने के लिए प्रदेश सरकार के मंत्री केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं.

गजेंद्र सिंह शेखावत पर हरीश चौधरी का पलटवार

राजस्थान सरकार के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी भी रविवार को सर्किट हाउस में पीएचईडी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. उस दौरान मीडिया से बात करते समय राजस्व मंत्री ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री पर पानी को लेकर किसानों के कल्याण की योजनाओं को नियमों की आड़ में बंद कर राजस्थान के किसानों का हक छीनने का आरोप लगाया है.

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हरीश चौधरी ने बताया कि गजेंद्र सिंह शेखावत रेगिस्तानी इलाके से संबंध रखते हैं. उनके मंत्री होते हुए रेगिस्तानी इलाके में रहने वाले लोगों के साथ अन्याय हो रहा है. हरीश चौधरी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को विवाद आरोप-प्रत्यारोप ना करते हुए रेगिस्तान इलाके में रहने वाले लोगों को न्याय दिलवाना चाहिए. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की ओर से 10 प्रतिशत जन भागीदारी का प्रावधान जेजेएम के तहत किया. इससे बड़ा धोखा और अन्याय क्या हो सकता है. हरीश चौधरी ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत वर्तमान समय में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री हैं. उनके रहते हुए केंद्र सरकार राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में रहने वाले लोगों का हक छीन रही है.

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बता दें कि पश्चिमी राजस्थान थार के रेगिस्तान का बड़ा हिस्सा है. ये इलाका अकाल ग्रस्त क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. स्वर्गीय राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री काल में पश्चिमी राजस्थान के लिए इंदिरा गांधी नहर की योजना स्वीकृत की थी. जो पश्चिमी राजस्थान के करोड़ों लोगों की प्यास बुझा रही है. ताजा विवाद इस नहर के तीसरे चरण को लेकर शुरू हुआ है. जहां तीसरे चरण के लिए केंद्र सरकार से प्रदेश सरकार ज्यादा धनराशि की मांग कर रही है. साथ ही ग्रामीण और शहरी इलाकों में पानी की हिस्सेदारी को लेकर भी विवाद हो रहा है.

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