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गहलोत सरकार की पहल: राजस्थान में विवाहित पुत्री को अनुकम्पा नियुक्ति...रोडवेज ने तीन को दी नौकरी - Jodhpur latest news

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुकंपा नियुक्ति में अब विवाहित बेटियों को भी हकदार बनाने की पहल (Gehlot government initiative) की है. इसके तहत अब राजस्थान में विवाहित पुत्रियां भी अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate appointment to married daughter in Rajasthan) की हकदार होंगी. इस कड़ी में आज तीन विवाहित पुत्रियों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है.

Gehlot government initiative
राजस्थान में विवाहित पुत्री को अनुकम्पा नियुक्ति

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Published : Apr 8, 2022, 8:58 PM IST

जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से अनुकंपा नियुक्ति में विवाहित पुत्री को भी नियुक्ति देने की घोषणा (Compassionate appointment to married daughter in Rajasthan) के तहत राजस्थान रोडवेज में नियुक्तियां देने का काम प्रारंभ हो गया है. इसमें पहली नियुक्ति महेश कुमार बोहरा, कनिष्ठ अभियन्ता-बी केन्द्रीय कार्यशाला की विवाहित पुत्री शीला पुरोहित को उनके पिता के स्थान पर कनिष्ठ लिपिक के पद पर‌ दी गई है.

जोधपुर रोडवेज के चीफ मैनेजर कुलदीप शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को कंपनी संचालन की बैठक में इस तरह के तीन मामलों का निस्तारण किया गया है. इनमें तत्कालीन परिवहन निगम कर्मी नन्द किशोर, झालावाड़ की विवाहित पुत्री ज्योति पाटीदार, रमेश चन्द्र गुर्जर, चित्तौड़गढ़ की विवाहित पुत्री कविता गुर्जर एवं इन्हीं प्रकरणों के साथ 9 अन्य मामलों में मृतक आश्रितों के नियुक्ति आदेश भी आज जारी किये गये हैं. इनको सम्मिलित करते हुए रोडवेज में पिछले 9 महीनों में अब तक कुल 371 प्रकरणों में नियुक्ति आदेश जारी किये गए हैं.

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विवाहित पुत्रियों को अनुकंपा नियुक्ति देने के निर्णय को राजस्थान रोडवेज ने अपनी संचालक मण्डल की सितम्बर, 2021 में आयोजित 296वीं बैठक में निर्णय लेकर परिवहन विभाग की सहमति से नियमों में संशोधन किया था जिसके तहत शुक्रवार को वर्षों से उलझे तीन प्रकरणों में मुख्यमंत्री की भावना को दृष्टिगत रखते हुए अनुकम्पा नियुक्ति के आदेश प्रदान कर दिए गए हैं. यह प्रकरण उन विवाहित पुत्रियों के थे जो तत्समय प्रचलित नियमों में प्रावधान नहीं होने के कारण नियुक्ति के पात्र नहीं थे, परन्तु राज्य सरकार की अधिसूचना एवं परिवहन विभाग के आदेशों के तहत अविवाहित होने की बंदिश हटने के कारण पात्रता की श्रेणी में आ गई.

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