जोधपुर. चैत्र शुक्ल तीज को गणगौर पीहर से ससुराल जाती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से गणगौर पीहर में ही है. बता दें कि दशकों चल रही परम्परा को कोरोना ने बदल दिया. गणगौर की प्रतिमा पर भी कोरोना से बचने का संदेश लिखा गया है कि मैं भी बाहर नहीं जा रही आप भी नहीं जाओ.
जोधपुर में नहीं निकाली गई गणगौर की सवारी गणगौर माता का पूजन सुहागिने अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं. बता दें कि जहां महिलाएं सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर गणगौर का पूजन करा करती थी, वहीं अब माता का पूजन घरों में ही सीमित हो गया है. यही नहीं महिलाओं ने कोरोना से बचने का संदेश देते हुए गणगौर की मूर्ति पर मास्क लगाया है. इसके अलावा पूजन के दौरान भी सोशल डिस्टेंस की पालना की जा रही है.
जोधपुर में खास तौर से भीतरी शहर मुदड़ो की गली की गणगौर को तीज पर राखी हाउस स्थित ससुराल ले जाया जाता है. यह क्रम 60 वर्षों से चल रहा है. गणगौर को ले जाते समय भव्य सवारी निकाली जाती है. जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भीड़ होती है.
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बता दें कि जो इस बार शुक्रवार रात को निकाली जानी थी, लेकिन कोरोना के कारण नहीं निकाली गई. अलबत्ता जिस घर से गणगौर निकलती है उसे पीहर का दर्जा दिया गया है. वहां पर गणगौर की प्रतिमा पर संदेश लगाकर दर्शन के लिए खिड़की में रखा गया है, जिससे महिलाएं दर्शन कर रही हैं.