जोधपुर. पुलिस सूत्रों की मानें तो सम्भवतः सेंट पॉल की शिक्षिका पल्लवी अपने पिता-माता व बहन की प्रतिदिन की पीड़ा से खुद भी परेशान हो चुकी थी और उसने ही इससे निजात दिलाने के लिए इतना बड़ा कदम उठाया. जिसके लिए या तो उसने पहले तीनों सदस्यों को ऐसा पदार्थ खिलाया या उनकी गला घोंटकर हत्या की. बाद में खुद ने भी पहले कमरे में आग लगाई और कुछ ऐसा पदार्थ खाया जिससे उसकी भी मौत हो गई.
जिसके बाद आग धीरे-धीरे फैलती गई. इसमें चारों के शव जलकर राख हो गए. रात को सिर्फ यहां पर हड्डियों के कंकाल बचे थे, जिनकी जांच एफएसएल टीम कर रही है. वह भी यही पता लगाने की कोशिश करने में जुटी है कि आखिरकार मौत का कारण क्या है. रविवार रात को घर की बिजली भी बंद होने से पुलिस को कुछ नजर नहीं आ रहा था. घर का लगभग पूरा सामान जल चुका था. हालांकि, पुलिस ने अभी इस पूरे प्रकरण को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
आज निकलेंगे कंकाल रूपी शव : सोमवार सुबह एफएसएल की टीम वापस पहुंची है और पड़ताल कर रही है कि घर में हत्या में प्रयुक्त विषाक्त पदार्थ या कोई ऐसा साक्ष्य मिले, जिससे मौत का कारण जाना जा सके. चारों शव जो कंकाल में तब्दील हो चुके हैं, उन्हें भी आज मौके से हटाया जाएगा. एक कमरे में दो लकड़ी के पलंग पर थे, जबकि दो कमरे के फर्श पर.
सबकुछ प्लान कर किया गया प्रतीत होता है :ऐसा माना जा रहा है कि रविवार दोपहर बाद ही सुभाष चंद्र चौधरी की परिवार में घटनाक्रम शुरू हो गया था. शाम करीब 7:00 बजे तक लोगों को श्मशान में शव जलने जैसी दुर्गंध आने लगी थी. इसके बाद धुआं भी घर से बाहर आने लगा तो पुलिस को सूचना दी गई. जब पुलिस पहुंची तो घर का मुख्य द्वार अंदर से बंद था. पड़ोसियों की सहायता से ताला तोड़कर पुलिस ने भीतर प्रवेश किया.