राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में पहली बार लगा सांस की नली में स्टंट, डॉक्टर्स का दावा प्रदेश में पहला मामला - जोधपुर के अस्पताल में लगा सांस की नली में स्टंट

जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक विभाग के डॉक्टरों ने पीएनटी के डॉक्टरों की मदद से एक 21 वर्षीय युवा मरीज की सांस नली में स्टंट लगाया गया है. राजस्थान के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार सांस की नली में स्टंट लगाया गया है. इस तरह के स्टंट को कुछ दिनों पहले ही अप्रूवल मिली है.

Jodhpur news, Jodhpur MDM Hospital, stunt in human breath tube
जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में पहली बार लगा सांस की नली में स्टंट

By

Published : Nov 18, 2020, 10:55 PM IST

जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक विभाग के डॉक्टरों ने पीएनटी के डॉक्टरों की मदद से एक 21 वर्षीय युवा मरीज की सांस की नली में सिकुड़न को दूर किया है. खास बात यह है कि इस सिकुड़न का इलाज सांस की नली को काटकर नहीं किया गया है, बल्कि इसकी जगह एक स्टंट (धातु का छल्ला) लगाया गया है, जिससे मरीज की सांस की नली की सिकुड़न की समस्या दूर हो गई और उसे गले में ट्यूब भी नहीं लगानी पड़ेगी. दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार ट्रेकियल स्टंट का प्रयोग किया गया है.

जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में पहली बार लगा सांस की नली में स्टंट

ईएनटी विभाग के प्रोफेसर डॉ. नवनीत अग्रवाल ने बताया कि जगदीश सांस की गंभीर तकलीफ के साथ अस्पताल में भर्ती हुआ था. जांच में सामने आया कि उसके सांस की नली पूरी तरह से सिकुड़ गई है, जिसका व्यास सिर्फ 0.3 सेंटीमीटर का रह गया. ऐसे में तत्कालीन रूप से उसे राहत देने के लिए सांस की नली में छेद कर उसकी ट्रेकियोस्टॉमी की गई, लेकिन इससे मरीज बोल नहीं पाया. ऐसी स्थिति में सामान्यतः ऑपरेशन कर सांस की नली की सिकुड़न को काटकर उसे दूसरे हिस्से से जोड़ा जाता है. यह बहुत कठिन ऑपरेशन है.

खास तौर से सांस की नली भी छोटी हो जाती है. ऐसी स्थिति में कार्डियो थोरेसिक सर्जन डॉक्टर सुभाष बलारा से इस मामले में राय ली गई. इसके बाद यह तय किया गया कि अब सांस की नली में भी लगाने के लिए स्टंट आ गए है. इससे मरीज की नली को काटे बिना उपचार सम्भव है. 11 नवम्बर को ईएनटी और कार्डियो थोरेसिक विभाग के डॉक्टर्स ने जगदीश की सफलता पूर्वक ट्रेकियल स्टेंटिंग की है. कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉक्टर सुभाष बलारा ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज की ट्रेकियोस्टॉमी ट्यूब निकाल दी गई और अब पूरी तरह से बोल भी सकता है और उसकी सांस की तकलीफ भी खत्म हो गई है.

यह भी पढ़ें-कटारिया के बयान पर बोले डोटासरा, '6 महीने तक अपने पद की चिंता करें...भाजपा षड्यंत्र रच रही है'

उन्होंने बताया कि पश्चिमी राजस्थान का यह पहला ऑपरेशन है और संभवत राजस्थान में किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार सांस की नली में स्टंट लगाया गया है, क्योंकि इस तरह के स्टंट को कुछ दिनों पहले ही अप्रूवल मिली थी. इस प्रोसीजर में डॉ. सुभाष बलारा, डॉ. नवनीत अग्रवाल, डॉ. मनोहर, डॉ. राजेंद्र, डॉ. उमंग, एनेस्थीसिया के प्रोफेसर डॉ. राकेश कर्णावत, डॉ चंद्रा खत्री, डॉ शिल्पी, डॉ. मनीष, डॉ. श्रीदेवी एवं नर्सिंग स्टाफ आसिफ इकबाल रेखा राम और भारती ने सहयोग दिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details