जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस एस शिंदे की सेवानिवृत्ति पर मुख्य न्यायाधीश कोर्ट रूम (Retirement of Chief Justice of Rajasthan High Court) में विदाई रेफरेंस का आयोजन किया गया. रेफरेंस को सम्बोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश शिंदे ने कहा कि बार और बेंच एक दूसरे के पूरक हैं. दोनों के सहयोग से ही न्याय की परिकल्पना की जा सकती है. आम जनता को न्याय पालिका से बहुत उम्मीदे हैं, जिस पर खरे उतरने का प्रयास सभी मिलकर कर रहे हैं.
उन्होंने राजस्थान और महाराष्ट्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीवन काल में बहुत कुछ सीखने को मिला है. राजस्थान में बहुत कम कार्यकाल रहा लेकिन यहां के लोगों से जो अपनत्व मिला, वो कहीं नहीं मिलेगा. यहां खम्मा घणी और पधारो म्हारो देश का वाकई अनूठा संगम देखने को मिलता है. राजस्थान ऐतिहासिक काल से ही प्राचीन रहा है. यहां के किले हो या फिर स्मारक, वो हमारे इतिहास को जीवित करते हैं. नए अधिवक्ताओं के लिए कहा कि उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी. वकालात में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन मेहनत के बगैर कुछ नहीं है.
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उन्होने साथी अधिवक्ताओं के सहयोग के लिए आभार जताया. वहीं कहा कि महाराष्ट्र में रात तक कोर्ट रूम सभी के सहयोग से ही सम्भव हुआ है. चाहे साथी जज हों या स्टाफ, सभी ने सहयोग किया. तभी देर रात तक सुनवाई करना संभव हो पाया. उन्होने कहा कि राजस्थान में न्यायिक अधिकारी खास तौर पर अधीनस्थ अदालतों में कार्य करने वाले न्यायिक अधिकारी बेहतर कार्य कर रहे, जबकि उनके पास पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है.
विदाई रेफरेंस में वरिष्ठ न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने सबसे पहले रेफरेंस पढ़ा. इसके बाद राज्य की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से चैयरमेन सुनील बेनीवाल, राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन जोधपुर के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़ और लॉयर्स एसोसिएशन जोधपुर के अध्यक्ष रवि भंसाली ने विदाई रेफरेंस पढ़ते हुए सेवानिवृत हो रहे मुख्य न्यायाधीश शिंदे की प्रशंसा की. उनके छोटे कार्यकाल में मिले सहयोग एवं 30 साल पुराने मुकदमें निस्तारण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की.
विदाई रेफरेंस समारोह में वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता, न्यायाधीश विजय विश्नोई, न्यायाधीश अरूण भंसाली, न्यायाधीश डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी, न्यायाधीश दिनेश मेहता, न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर, न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग, न्यायाधीश रामेश्वर व्यास, न्यायाधीश फरजंद अली, न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी, न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास, न्यायाधीश रेखा बोराणा और न्यायाधीश कुलदीप माथुर भी मौजूद रहे. वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश पंवार सहित अधिवक्ता, बीसीआर के सदस्य, न्यायिक अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.