जोधपुर.कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौरान लोगों के उपचार करते हुए देशभर में कई चिकित्सकों ने अपनी जान गंवा दी. इसके बावजूद मरीजों के परिजनों का डॉक्टर के प्रति रोष और हिंसा के मामले कम नहीं हो रहे हैं. साथ ही योग गुरू बाबा रामदेव की ओर से एलोपैथी उपचार पद्धति को लेकर दिए गए अनर्गल बयानबाजी से डॉक्टरों में काफी रोष है. जिसके विरोध में शुक्रवार को जोधपुर में सेवारत डॉक्टरों (doctors protest in jodhpur) ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया.
स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर शुक्रवार सुबह काली पट्टी बांधकर काम पर पहुंचे. उनका कहना है कि समर्पण भाव से काम करने के बावजूद लोग डॉक्टरों के प्रति हिंसा का भाव रखते हैं जो गलत है. इसके अलावा बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर अनर्गल बयानबाजी की है, जबकि हमने कभी भी आयुर्वेद को लेकर कोई बयानबाजी नहीं की है. दोनों उपचार की पद्धतियां हैं और दोनों का अपना-अपना सम्मान है.
गौरतलब है कि जिले में अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्स संघ (अरिस्दा) ने चिकित्सकों के राष्ट्रीय संगठन आईएमए की ओर से आहूत इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया है. इस विरोध को लेकर जोधपुर आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर सीके लौड़ा की अगुवाई में डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन (memorandum to jodhpur collector) भी सौंपा.
योग गुरू बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग
इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन (IMA) ने योग गुरू बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर शुक्रवार को भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय के बाहर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही अस्पतालों में भी चिकित्सक और कर्मी काली पट्टी और काला मास्क लगाकर अपना विरोध जता रहे हैं. चिकित्सकों ने चेतावनी दी कि यदी बाबा रामदेव के उपर कार्रवाई नहीं की जाती है तो उग्र आन्दोलन किया जायेगा.