जोधपुर.सीबीआई (CBI) ने बीएसएफ (BSF) फ्रंटियर मुख्यालय जोधपुर के तहत 2018 में आरक्षक जनरल ड्यूटी (कांस्टेबल) की भर्ती प्रक्रिया में चयनित अभ्यर्थियों के पुनः चिकित्सा परीक्षण में गड़बड़ी को लेकर प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
सीबीआई सूत्रों के अनुसार बीएसएफ कांस्टेबल भर्ती (BSF Constable Recruitment) में पुनः चिकित्सा परीक्षण के लिए 29 सितंबर से 4 नवंबर 2020 तक अभ्यर्थियों की जांच की गई. इस समिति के लिए बीएसएफ के ज्वॉइंट हॉस्पिटल की चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. बबीता कुमारी को पीठासीन अधिकारी एवं श्रीनगर ज्वॉइंट हॉस्पिटल के डॉ. सिद्धार्थ देवान को बतौर सदस्य शामिल किया गया था.
मेडिकल बोर्ड का एक डॉक्टर रडार पर
बताया जा रहा है कि डॉ. बबीता कुमारी ने ही गत वर्ष बीएसएफ के डीआईजी को एक पत्र लिखा, जिसमें बताया कि राहुल सिंह नाम के अभ्यर्थी के आवेदन पर उन्हें एक बैंक खाता नंबर लिखा मिला, जो एसबीआई बैंक का है. माना जा रहा है कि यह खाता नंबर डॉ. सिद्धार्थ देवान द्वारा लिखा गया था. बीएसएफ की पड़ताल में भी इस बात की पुष्टि हो गई कि अभ्यर्थी के आवेदन पर लिखा नम्बर डॉ. सिद्धार्थ देवान के जालंधर की एसबीआई बैंक का खाता नंबर था. जिसमें 29 सितंबर से 8 अक्टूबर 2020 तक 4 लाख से अधिक की राशि वॉलेट गूगल पे व अन्य ट्रांजेक्शन से जमा हुई थी.
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मेडिकल टेस्ट प्रक्रिया की गहनता से होगी जांच
डॉ. सिद्धार्थ देवान के अकाउंट में हुए एक दर्जन ट्रांजैक्शन में से जो फोन नंबर सामने आए, उनकी छानबीन में पता चला कि यह नंबर उन अभ्यर्थियों के थे, जिन्हें मेडिकल जांच में फिट करार दिया गया था. जिससे यह संभावनाएं ज्यादा बन गई थी कि पुनः चिकित्सा परीक्षण में सफल होने के लिए डॉक्टर देवान द्वारा रुपए का लेनदेन किया गया. इसको लेकर बीएसएफ के कमांडेंट राजीव अग्निहोत्री की रिपोर्ट पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया है. जिसमें अब 2018 में बीएसएफ जोधपुर फ्रंटियर मुख्यालय में आरक्षक (कांस्टेबल जनरल डयूटी) सीएपीएफ, एनआईए, एसएसएफ और असम राइफल्स 2018 की भर्ती के पुनः चिकित्सा परीक्षण प्रक्रिया की गहनता से जांच होगी.