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चंद्रयान-2: ICRS जोधपुर के निदेशक और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक ओपीएन कल्ला से खास बातचीत - Director of ICRS

चंद्रमा पर 15 जुलाई को 'जय हिंद' गूंजेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ( ISRO) के मिशन चंद्रयान-2 की उल्‍टी गिनती शुरू हो चुकी है. ये मिशन 15 जुलाई को तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से लॉन्च होगा. चंद्रयान-2 भारत का दूसरा मून मिशन है. पहली बार भारत चंद्रमा की सतह पर लैंडर और रोवर उतारेगा. वहां पर चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह, वातावरण, विकिरण और तापमान का अध्ययन करेगा. वहीं इस मिशन चंद्रयान 2 के बारे में जोधपुर आईसीआरएस के निदेशक और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक से ईटीवी भारत के संवाददाता ने खास बातचीत की.

पूर्व वैज्ञानिक ओपीएन कल्ला से खास बातचीत

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Published : Jul 13, 2019, 10:46 PM IST

जोधपुर.15 जुलाई को भारत का बहुप्रतीक्षित चंद्रमा के लिए अंतरिक्ष अभियान चंद्रयान-2 विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से छोड़ा जाएगा. यह दुनिया का पहला मिशन होगा. जिसका यान चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा. इसरो के इस मिशन में भी इसरो के ही पूर्व वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर ओपीएन कल्ला जो जोधपुर में इंटरनेशनल सेंटर ऑफ रेडियो साइंस के निदेशक हैं. उनकी भी भागीदारी है.

Etv भारत की इसरो के पूर्व वैज्ञानिक से खास बातचीत
प्रोफेसर कल्ला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यह मिशन पूरी तरह भारतीय तकनीकी से बना है. इसमें किसी भी तरह की विदेशी तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया है या मिशन बर्फ पानी की खोज के साथ-साथ जिस जगह पर उतरेगा क्योंकि पहली बार कोई यान साउथ पोल उतर रहा है तो वहां क्रेटर पर किसी भी तरह के फॉसिल्स (जीवाश्म) का भी अध्ययन करेगा. जो दुनिया में पहली बार होगा. नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक कर सुने पूर्व वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर ओपीएन कल्ला से खास बातचीत.

मिशन चंद्रयान-2 को लेकर पूर्व वैज्ञानिक ओपीएन कल्ला से खास बातचीत

जोधपुर ICRS सेंटर ने भी इस मिशन में 6 एक्सपेरिमेंट का प्रस्ताव दिया
प्रोफेसर कल्ला के मुताबिक चंद्रयान -2 पर भारत ही नहीं पूरे विश्व की नजर रहेगी. उन्हें पूरा विश्वास है कि इसरो के वैज्ञानिक इस अभियान में सफल रहेंगे. उन्होंने बताया कि जोधपुर के आईसीएसआर सेंटर ने भी इस मिशन में 6 एक्सपेरिमेंट का प्रस्ताव दिया था. जिनमें से 4 को मंजूरी मिली है. वहां से मिलने वाले डाटा के आधार पर इस पर शोध कार्य होगा. जिससे इस महान मिशन में जोधपुर की भी भागीदारी बनी रहेगी. साथ ही प्रोफेसर कल्ला ने बताया कि इस मिशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 में भारत का चंद्रमा पर मानव को भेजने का प्रोजेक्ट भी सपना साकार होगा.

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