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राजनाथ सिंह बोले, चीन के साथ सीमा विवाद में जो भी कुछ हुआ आप जानेंगे तो गर्व से सीना चौड़ा हो जाएगा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को वीर दुर्गादास राठौड़ की 385वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद में जो हुआ वह हम ही जानते हैं. आप जानेंगे तो गर्व से सीना चौड़ा हो जाएगा.

Defence Minister Rajnath Singh
Defence Minister Rajnath Singh

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Published : Aug 13, 2022, 4:31 PM IST

Updated : Aug 13, 2022, 5:54 PM IST

जोधपुर.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच हुए सीमा विवाद (border dispute between india and china) को लेकर बड़ा बयान दिया है. शनिवार को जोधपुर के निकट सालवा कला में वीर दुर्गादास राठौड़ की मूर्ति के लोकार्पण समारोह (Rajnath Singh unveils Veer Durgadas Rathore statue) को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कोई कुछ भी कहे लेकिन हमने किसी को भी देश की सीमा के अंदर नहीं आने दिया है. उस दौरान कुछ घटनाएं तो ऐसी घटित हुई जो हम दो या तीन लोग जानते हैं, जिसे मैं सबके सामने सार्वजनिक नहीं कर सकता. लेकिन मान कर चलिए अगर वह बातें आप सबको पता हो तो सबका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा.

राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं राजनीतिक पार्टियों के लोगों से कहना चाहूंगा (Rajnath Singh targets congress) कि देश की रक्षा को लेकर राजनीति नहीं करें क्योंकि देश की सीमा की रक्षा करने नेता नहीं जाते हैं हमारी माओं के लाल जाते हैं. हम देश की आन बान शान पर आंच कभी नहीं आने देंगे. रक्षा मंत्री ने कहा कि दुर्गादास ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने जो वचन दिया वह पूरा किया. हम भी उसी तरह से राजनीति करते हैं, जो वादा करते हैं उसे निभाते हैं. पहले नेताओं की कथनी और करनी में अंतर होता था, जिससे जनता में विश्वास का संकट पैदा हो गया. हमने उस संकट को खत्म किया है.

जोधपुर में राजनाथ सिंह

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राष्ट्रवीर थे दुर्गादास- रक्षा मंत्री ने कहा कि दुर्गादास एक ऐसे व्यक्तित्व थे (Rajnath Singh on Veer Durgadas Rathore), जिन्होंने स्वामी भक्ति और कर्तव्यनिष्ठ रहते हुए मारवाड़ की सुरक्षा की. हिंदुत्व की रक्षा की. वे सफल कूटनीतिज्ञ थे, जिसके बदौलत उन्होंने औरंगजेब को भी मात दी. उनका शौर्य पराक्रम बहुत बड़ा था, लेकिन जब औरंगजेब के सूबेदार ने उनकी मां की हत्या कर दी इसके बावजूद उन्होंने सूबेदार परिवार की महिलाओं को छोड़ दिया. उन्होंने मारवाड़ को एकता के सूत्र में बांधा. दक्षिण में भी काम किया. वे राष्ट्रीय वीर थे. उन्होंने दुर्गादास की मूर्ति लगाने वाले डॉ. दलीप करण के प्रति आभार जताते हुए कहा कि 37 साल तक अमेरिका में रहने के बावजूद वे अपने गांव और अपनी परंपराओं से जुड़े हुए हैं.

आपसी सौहार्द और भाईचारा बनाए रखना है- रक्षा मंत्री ने कहा कि हम सभी को सौहार्द और भाईचारा बना कर रखना है. उदयपुर जैसी घटनाएं (Rajnath Singh on Udaipur Murder Case) सबको विचलित करती है. ऐसी घटना दिल दहलाने वाली है. सभी धर्मों के लोगों को इसकी आलोचना करनी चाहिए. हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कुछ ताकतें दूरी पैदा कर रही है, हमें उनसे बचकर रहना है. रक्षा मंत्री ने कहा कि राजनीति सभी करते हैं, लेकिन राजनीति सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं होनी चाहिए. समाज के लिए होनी चाहिए.

अब सिर्फ 35 फीसदी आयात होता है- रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी समय में देश 60 फीसदी से ज्यादा हथियार आयात (Defence Minister on arms import) करता था. हमने इसमें बदलाव किया है. अब हम सिर्फ 35 फीसदी ही आयात करते हैं. हमने दुनिया के बड़े हथियार निर्माताओं से कहा है कि अगर भारत को हथियार देना है तो भारत की धरती पर आकर हथियार बनाना होगा, जिससे हमारा देश आत्मनिर्भर हो सके. आने वाले कुछ समय बाद भारत हथियार निर्यात करना शुरू कर देगा.

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राज्य सरकार के प्रस्ताव पर खुलता है सैनिक स्कूल- समारोह में पाली सांसद पीपी चौधरी ने रक्षा मंत्री से कहा कि इस गांव से एक हजार से ज्यादा सैनिक देश सेवा में कार्यरत हैं. हमें यहां पर सैनिक स्कूल की आवश्यकता है. इस मांग को ग्रामीणों को भी दोहराया. इस पर रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव से ही सैनिक स्कूल खुलता है, लेकिन अगर कोई अच्छा निजी विद्यालय है तो केंद्र सरकार उस विद्यालय में सैनिक स्कूल जैसी ही व्यवस्था करने में सहयोग कर सकती है. इसके लिए मैं तैयार हूं.

Last Updated : Aug 13, 2022, 5:54 PM IST

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