जोधपुर. ग्रीष्मावकाश के बाद 29 जून से राजस्थान हाईकोर्ट बदले हुए तौर-तरीकों के साथ खुलेगा. हाईकोर्ट का समय सुबह साढे़ दस बजे से अपराह्न साढे़ चार बजे तक रहेगा. दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक लंच का समय रहेगा. सुनवाई फिजिकल प्रजेंस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी.
राजस्थान हाईकोर्ट में नियमित तौर पर पहले फिजिकल प्रजेंस वाले मामले सुने जाएंगे, बाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी. फिजिकल सुनवाई साढे़ दस से साढे़ तीन बजे तक होगी, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई साढे़ तीन बजे से साढे़ चार बजे के बीच होगी.
29 जून से नियमित तौर पर खुलेगा हाईकोर्ट पढ़ें:विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए एक जगह रखा जा रहा है : अविनाश पांडे
सबसे अहम बात ये है कि हाईकोर्ट में अधिवक्ताओं की एंट्री ई-पास के जरिए होगी, जो कि उनकी सम्बंधित सुनवाई के दिन ही मान्य होगा. राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा गया है कि कोविड-19 महामारी पर प्रभावी नियंत्रण और रोकथाम के लिए सभी तरह के उपायों को जारी रखते हुए और इस सम्बंध में अभी तक जारी सभी निर्देशों के तहत ग्रीष्मावकाश के बाद हाईकोर्ट में नियमित रूप से कार्यकलाप जारी होंगे.
बदलेगा सुनवाई का समय
अधिसूचना में जारी प्रमुख तौर-तरीकों के तहत हाईकोर्ट की सभी बेंच सुबह 10.30 बजे से 4.30 बजे तक सुनवाई करेंगी. इसमें दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक लंच का समय होगा. प्रत्येक कोर्ट में 100 मामले सूचिबद्ध होंगे, अगर इससे कम मामले हुए तो अन्य कैटेगरीज के मामले भी सूचिबद्ध किए जाएंगे. अदालतों के वर्किंग ऑवर्स और मामलों की संख्या में समय-समय पर बदलाव किया जा सकेगा.
सोशल डिस्टेंस की होगी पालना
सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम्स में उचित दूरी के लिए ऑड-ईवन तरीका भी काम में लिया जा सकता है. कोर्ट रूम के अंदर वर्तमान में रखी गई कुर्सियां कम करते हुए उचित दूरी रखी जाएगी, जबकि खाली पडे़ कोर्ट रूम में अधिवक्ताओं के लिए सीमित संख्या में उचित दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था होगी. वहीं, कॉरिडोर्स में बेंचों को इस तरह रखा जाएगा, जिससे सामाजिक दूरी बनी रहे. कोर्ट परिसर में किसी भी तरह और स्माल ग्रुप्स के रूप में भी गैदरिंग नहीं होनी चाहिए.
ई-पास से होगी अधिवक्ताओं की एंट्री
ग्रीष्मावकाश के बाद खुलने वाली अदालतों में लंबे अरसे के बाद अधिवक्ताओं के फिजिकल प्रजेंस के साथ पैरवी करने की शुरुआत की जाएगी. लेकिन, इसके लिए हाईकोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं की एंट्री सिर्फ ई-पास के जरिए हो सकेगी. ई-पास संबंधित मामले की पैरवी वाली तारीख के लिए ही मान्य होगा. ये ई-पास हाईकोर्ट की अधिकृत वेबसाइट से जेनरेट किया जा सकेगा. अधिवक्ताओं के लिए अन्य दिशा-निर्देशों के साथ ही जहां उनके लिए कोट या गाउन पहनना ऑप्शनल रखा गया है, वहीं एक मामले में सिर्फ एक ही अधिवक्ता के उपस्थित रहने के लिए कह गया है. वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ सिर्फ एक सहयोगी के पैरवी कर सकने और अलग पक्षकार को साथ लाना आवश्यक है. पक्षकार को अधिवक्ता के माध्यम से ई-पास जारी किया जाएगा. सरकारी एडवाइजरी के अनुसार 65 साल से अधिक के अधिवक्ता या पक्षकार पूरी सावधानी बरतेंगे या व्यक्तिगत उपस्थिति को टालने का प्रयास करेंगे.