जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ (Rajasthan High Court Jodhpur Main Bench) में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए पाली पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि मामले की जांच अन्य अधिकारी से करवाएं एवं तथ्य उचित पाए जाएं तो थानाधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकते हैं. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई एवं न्यायाधीश फरजंद अली की खंडपीठ में पाली जिले के खिंवाडा थाने से जुड़े एक मामले में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान थानाधिकारी टीकमाराम मौजूद रहे.
नाबालिग कॉपर्स ने कोर्ट को बताया कि वह स्वेच्छा से प्रतिवादी के साथ गई थी और उसकी स्वेच्छा से ही सम्बंध भी स्थापित हुए जिससे वह गर्भवती भी हो गई. प्रतिवादी ने उसके साथ अच्छा व्यवहार किया और गंभीर बीमारी में उसकी मदद की. पुलिस ने कोर्ट के समक्ष नाबालिग कॉपर्स के 161 के बयान पेश किए जिसमें बताया गया कि प्रतिवादी संख्या 4 ने शादी की नीयत से कॉपर्स का अपहरण किया और उसके साथ तीन बार दुष्कर्म किया.