जोधपुर.सोने के भाव पर स्टोन बेचने के मामले में जोधपुर के उपभोक्ता संरक्षण आयोग (द्वितीय) ने जाने माने ज्वैलरी ब्रांड पीसी ज्वेलर्स पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. आयोग ने राशि को उपभोक्ता सरंक्षण कोष में जमा करवाने का आदेश (consumer protection commission fined pc jewellers) दिए हैं. आयोग के सदस्य आनंद सिंह सोलंकी ने बताया कि जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी उर्वेश जैन ने पीसी ज्वैलर्स के सरदारपुरा स्थित शोरूम से अक्टूबर 2016 में 21.24 ग्राम सोने का पेंडेंट सेट खरीदा था. पेंडेंट सेट टूटने पर उसे पता चला कि इसमें सोने के साथ बारीक स्टोन लगे हुए हैं जिनका वजन कम नहीं किया गया था. स्टोन को पेंडेंट सेट में शामिल करने के बाद उनसे सोने की दर से ही कीमत वसूली गई. इस पर उर्वेश जैन ने ज्वैलर के विरुद्ध उपभोक्ता आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया.
इस मामले पर पीसी ज्वेलर्स की ओर से जवाब आया कि यह ज्वैलरी एक डिजाइनर आइटम है. इसको देखने से ही इसमें स्टोन लगा होना जाहिर होता है. ऐसे में ग्राहक को भी इस बारे में बता दिया गया था. ज्वैलर कंपनी ने बताया कि बिल में अंकित शर्तों के अनुसार ही आइटमों की अदला-बदली करने पर स्टोन की कीमत सोने के दर से अदा की जाती है. इन शर्तों को स्वीकार करने के बाद ही आइटम की खरीदारी की (consumer protection commission fined pc jewellers) गई है.
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आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्याम सुन्दर लाटा, सदस्य डॉ. अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी ने अपने निर्णय में कहा कि किसी भी व्यापारी को ज्वैलरी में लगे पत्थरों को सोने के भाव बेचने का अधिकार नहीं है. ग्राहक के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह भविष्य में विक्रेता से ज्वैलरी की अदला-बदली करे. कोई व्यापारी स्टोन की कीमत सोने के भाव से नहीं ले सकता. आयोग ने ग्राहक पर इस प्रकार की शर्तें थोपना अवैध और अनुचित माना. ऐसे में यह माना गया कि स्टोन के लिए नाजायज वसूली की (consumer protection commission fined pc jewellers) गई है. जिसके बाद साढ़े पांच हजार रुपए की राशि वापस लौटाने के साथ शारीरिक और मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के लिए उर्वेश जैन को पचास हजार रुपए हर्जाना का भुगतान करने का आदेश दिया गया.
माना अनुचित व्यापार:आयोग ने माना की अपनी शर्तों को तय कर कोई भी अनुचित व्यापार नहीं कर सकता. खरीदने वाले के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह वस्तु को वापस बेचे. ऐसी स्थिति में सोने के भाव में स्टोन बेचना अनुचित है. आयोग ने ज्वैलरी फर्म की ओर से अपने शोरूमों की ओर से ग्राहकों से इस प्रकार नाजायज राशि वसूल कर किये जा रहे अनुचित व्यापार को गंभीरता से लिया. इसके लिए फर्म पर एक लाख रुपए की राशि का अतिरिक्त हर्जाना लगाया गया है. इस राशि को दो माह की अवधि में उपभोक्ता कल्याण कोष राजस्थान में जमा कराने का आदेश भी दिया गया है.