जोधपुर. जिला के बिलाड़ा पुलिस थाने में तैनात कांस्टेबल अशोक विश्नोई की मंगलवार को गोली लगने से मौत हो गई. प्रथम जानकारी के अनुसार यह बात सामने आई थी कि बंदूक साफ करते समय गोली चलने से कांस्टेबल की मौत हुई.
बंदूक अनलोड करते समय गोली चलने से कांस्टेबल की मौत लेकिन बिलाड़ा थाना अधिकारी की ओर से ग्रामीण एसपी को दी गई फेक्चुअल रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बोरुंदा थाना अधिकारी की ओर से एनडीपीएस की कार्रवाई करके लौटते समय वे लोग गाड़ी में हवा भरवाने के लिए रुके. उस दौरान बोरुंदा थाना अधिकारी द्वारा पिस्टल को अनलोड किया जा रहा था और लोड करते समय एक राउंड पिस्टल में ही रह गया, उस दौरान गलती से बोरुंदा थानाधिकारी ओमप्रकाश के हाथों ट्रिगर दब गया और गोली कांस्टेबल अशोक विश्नोई के सीने में जा लगी. जिससे कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल कांस्टेबल को जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल लाया गया लेकिन बीच रास्ते में ही कांस्टेबल की मौत हो गई.
पढ़ें-कोरोना से कैसे लड़ेगा जालोर...20 लाख की आबादी पर सिर्फ 7 वेंटिलेटर
कांस्टेबल की मौत की सूचना के बाद उनके परिजन जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे. जहां पर उन्होंने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. फिलहाल मृतक कांस्टेबल के परिजनों की ओर से इस संबंध में किसी प्रकार की रिपोर्ट नहीं दी गई है. लेकिन पुलिस के उच्च अधिकारियों का कहना है कि कांस्टेबल के परिजनों द्वारा रिपोर्ट के आधार पर ही इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच की जाएगी और थानाधिकारी बोरुंदा के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी.
फिलहाल, मृतक कांस्टेबल अशोक विश्नोई के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया गया है और बुधवार को शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया जाएगा. मृतक के परिजनों ने कांस्टेबल अशोक विश्नोई को शहीद का दर्जा देने की मांग की है. साथ ही राजस्थान सरकार द्वारा मृतक के परिजनों को एक विशेष पैकेज देने की भी मांग की है और पुलिस के उच्च अधिकारियों के मार्फत राजस्थान सरकार से कॉन्स्टेबल अशोक बिश्नोई के परिवार को जल्द से जल्द पैकेज दिलवाने की भी मांग की है.