जोधपुर. राजस्थान के बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना क्षेत्र में आरटीआई कार्यकर्ता पर हुए हमले के मामले (Barmer RTI activist attack Case) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के निर्देश पर शुरू हुई सीआईडी सीबी जांच की टीम रविवार सुबह एमडीएम अस्पताल पहुंची. एसपी गौरव यादव की अगुवाई में उन्होंने अमराराम से मिलकर पूरी घटना की जानकारी ली.
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टीम के अधिकारियों ने अमराराम से विस्तृत जानकारी (CID CB investigation in Barmer RTI activist attack Case) ली. साथ ही उसका वीडियो भी बनाया. अमराराम ने अधिकारियों को बताया कि इस पूरे प्रकरण में मुख्य साजिशकर्ता पूर्व सरपंच नगराज है, जिसके इशारे पर हमला हुआ है. अमराराम ने बताया कि पंचायत में हुए घोटाले को लेकर उन्होंने आरटीआई लगाई थी, जिससे नगराज काफी नाराज हो गया था. नगराज ने वर्तमान सरपंच को पूरी तरह से अपने वश में कर रखा है.
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अमराराम ने यह भी बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में खरताराम को भी पकड़ा गया है, जो नगराज और अन्य एक आरोपी का चालक है. उससे पूछताछ में जानकारी सामने आ सकती है. सीआईडी सीबी की टीम करीब आधे घंटे तक अस्पताल के वार्ड में रही और अमराराम से कई सवाल भी किए. इसके बाद यह टीम बाड़मेर के लिए निकल गई. टीम के सदस्यों ने अमराराम के परिजनों से भी बातचीत की.
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क्या है पूरा मामला...
बता दें, पिछले दिनों बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना क्षेत्र इलाके में आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम का अज्ञात बदमाशों ने अपहरण कर बेरहमी से पिटाई कर दी. बर्बता की हद तो ये थी कि बदमाशों ने युवक के पैरों में कील ठोंक दी. पिटाई के बाद बदमाश अमराराम को सड़क किनारे अधमरी हालत में फेंककर फरार हो गए. फिलहाल अमराराम को जोधपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है.
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आरटीआई कार्यकर्ता पर हुए इस हमले को लेकर सामाजिक संगठनों में भी खासा रोष देखा जा रहा है इसको लेकर सामाजिक संगठनों ने एक खुला पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम भी लिखा था. गहलोत सरकार ने निर्णय लिया है कि आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम के ऊपर हुए हमले की जांच सीआईडी सीबी से कराई जाएगी.ॉ
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