जोधपुर.रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर की ओर से विकसित की गई चैफ एडवांस तकनीक नौसेना के जहाजों के साथ-साथ भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों को भी मिसाइल से बचाएगी. इसके लिए जोधपुर की रक्षा प्रयोगशाला ने लड़ाकू विमानों में काम आने वाले चेक कार्टिलेज विकसित कर लिए हैं. इसका सफल ट्रायल भी किया जा चुका है.
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महज 100 ग्राम वजन के कार्टिलेज से कई सौ करोड़ के लड़ाकू जहाज को मिसाइल के हमले से बचाया जा सकेगा. उड़ान भरते समय अगर किसी लड़ाकू विमान के पायलट को पता चलेगा कि उसका प्लेन मिसाइल लॉक हो गया है तो वह इस तकनीक का प्रयोग कर क्लाउड बनाएगा. इससे राडार गाइडेड मिसाइल भ्रमित हो जाएगी और फाइटर प्लेन बच जाएगा. उन्होंने बताया कि चैफ तकनीक का प्रयोग सुखोई और राफेल जैसे लड़ाकू विमानों में भी किया जा सकेगा.
बुधवार को रक्षा प्रयोगशाला में आयोजित प्रेस वार्ता में डीआरडीओ जोधपुर के निदेशक डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि एयरक्राफ्ट के लिए जो तकनीक विकसित की गई है वह भारत के सभी लड़ाकू विमानों में काम आएगी.
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