जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के घर शुक्रवार सुबह एक बार फिर केंद्रीय एजेंसी की टीम ने छापा मारा है (CBI raids Agrasen Gehlot). बताया जा रहा है कि कुछ देर पहले सीबीआई की एक टीम अग्रसेन के फार्म हाउस पहुंची और छानबीन शुरू (Raid At CM Gehlot Brother Home) की. कार से उतरते ही एक सदस्य ने फार्म हाउस का दरवाजा बंद किया और अंदर चले गए लेकिन कुछ देर बाद कुछ लोग वापस निकल गए. बताया जा रहा है जिस फर्टिलाइजर स्कैम को लेकर पहले डीआरआई (Directorate of Revenue Intelligence) बाद में ईडी ने कार्रवाई की थी उसी प्रकरण में नया मामला दर्ज कर सीबीआई छापेमारी कर रही है.
कयास लगाया जा रहा है कि पावटा स्थित अग्रसेन गहलोत के प्रतिष्ठान पर भी टीम छानबीन करेगी. इसकी खबर लगते ही पावटा में उनकी दुकान के सामने लोग एकत्र हो गए लेकिन फिलहाल अभी तक किसी भी तरह की टीम उनके प्रतिष्ठान पर नहीं पहुंची (CBI Raids CM Ashok Gehlot Brother Residence) है. इस पूरे घटनाक्रम को दिल्ली में राहुल गांधी पर ईडी कार्रवाई में सीएम के विरोध को लेकर देखा जा रहा है. विरोध प्रदर्शन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगुवा की भूमिका में नजर आ रहे हैं.
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ईडी ने पहले भी की थी छापेमारी: सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत से पिछले साल इस कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में ईडी ने कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी ने उनसे जुड़ी 13 जगहों पर छापा मारा था. इनमें राजस्थान की 6, पश्चिम बंगाल की 2, गुजरात की 4 और दिल्ली में एक जगह पर दबिश दी थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने अग्रसेन गहलोत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और उन्हें ईडी की जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था. अग्रसेन गहलोत पहले से ही उर्वरक निर्यात मामले (Fertilizer Export Case) में कथित गड़बड़ी के लिए ED की जांच के दायरे में हैं.
मनी लांड्रिग से जोड़ा: गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस मामले को जोर शोर से उछाला था. उस समय अशोक गहलोत वहां के प्रभारी थे. भाजपा ने इस प्रकरण को मनी लांड्रिंग से भी जोड़ा था. काफी हंगामा मचा लेकिन फिर उसमें कुछ हुआ नहीं था. दूसरी ओर डीआरआई के मामले में हाईकोर्ट का स्टे था. इसके चलते इस मामले में दो साल पहले ईडी की एंट्री हुई थी. छानबीन के बाद भी स्थिति साफ नहीं हुई थी लेकिन अब सीबीआई की एंट्री कई सवालों को जन्म देने लगी है.
फर्टिलाइजर स्कैम का आरोप:अग्रसेन गहलोत पर यूपीए सरकार के दौरान 2007 से 2009 के बीच सब्सिडी वाले उर्वरक को निर्यात करने का आरोप है. सूत्रों ने बताया कि अग्रसेन गहलोत ने 2007 से 2009 के दौरान किसानों को सब्सिडी पर मिलने वाले म्यूरिएट ऑफ पोटाश को विदेश में निर्यात किया था. कस्टम डिपार्टमेंट ने इसके लिए उन पर 60 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. जानकारी के अनुसार MoP देश के किसानों के लिए था, लेकिन इसे अग्रसेन गहलोत ने अपनी कंपनी अनुपम कृषि के जरिए सस्ती दर पर खरीदा और बाद में इसे मलेशिया और वियतनाम जैसे देशों में बेच दिया. कस्टम डिपार्टमेंट की चार्जशीट के आधार पर ईडी ने पिछले साल अग्रसेन गहलोत समेत तीन कंपनियों और उनके मालिकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था.