जोधपुर. पुलिस कस्टडी में हुई सुरेश सिंह (murder of accused in jodhpur police custody) की हत्या टल सकती थी. अगर समय रहते पुलिस लाइन से वाहन शहर के भाटिया चौराहे पर पहुंच जाता, जबिक आरोपी को बस में लेकर आ रहे चालानीगार्ड ने पुलिस लाइन पर फोन कर वाहन उपलब्ध करवाने को कहा था. बावजूद इसके, वाहन नहीं पहुंचा. यह तथ्य रातानाड़ा थाने में दर्ज चालानी गार्ड देवाराम की एफआईआर में लिखे गए हैं.
चालानी गार्ड की ओर से दर्ज एफआईआर में बताया गया कि आरोपी को बस से वापस शहर लाते समय पुलिस लाइन फोन कर वाहन उपलब्ध करवाने को कहा था, लेकिन वाहन उपलब्ध नहीं हुआ. ऐसे में सुरेश सिंह सहित कुल 3 आरोपियों को लेकर पुलिस के गार्ड भाटिया चौराहा पर उतरते ही पैदल रवाना हुए, इनमें एक महिला बंदी भी थी. थोड़ा चलते ही वहां जाल बिछाए बैठे बदमाशों ने पीछे से आकर सुरेश सिंह को गोली मार दी. यह सभी तथ्य रातानाड़ा थाने में दर्ज चालानी गार्ड देवाराम की एफआईआर में लिखे गए हैं.
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ऐसे में सवाल यह उठता है कि गंभीर प्रवृति के आरोपी को पेशी पर लाने ले जाने में किस कदर कोताही बरती गई. इस घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहा है कि बदमाश पाली से आ रही बस की रैकी कर रहे थे. शहर के भाटिया चौराहे पर बस रूकी तो बदमाश वहां पहुंच गए. अगर पुलिस लाइन का वाहन वहां होता तो बदमाश अपने मकसद में कामयाब नहीं पाते.
सुरेश सिंह को गोली लगने के बाद निजी वाहन से उसे अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान सुरेश सिंह ने बताया कि पाली जिले के मणीहारी निवासी जब्बर सिंह से उसकी रंजिश है. ऐसे में उसने ही हमला करवाया है.
पुलिस को जब्बर सिंह के बेटों की तलाश...
इस प्रकरण के बाद से जब्बर सिंह के बेटे फरार चल रहे हैं. वहीं, पुलिस ने जब्बर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. मामले में उसके बेटे हिस्ट्रीशीटर प्रवीण सिंह और भरत सिंह की तलाश की जा रही है. आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की ओर से पाली में कई जगहों पर दबिश दी जा रही है. पुलिस को मिली पुख्ता सूचना के अनुसार जब्बर सिंह के बेटे ने ही शुटर को सुरेश सिंह और कालूपुरी को मारने का काम दिया था.