जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद नर्सिंग भर्ती में एक अनुसूचित जनजाति परित्यक्ता वर्ग की अभ्यर्थी को राहत देते हुए नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत ने भीलवाड़ा निवासी समोक कुमारी मीणा की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने कोर्ट को बताया कि अभ्यर्थी अनुसूचित जनजाति परित्यक्ता वर्ग की है. लेकिन, राजस्थान आयुर्वेद नर्सिंग भर्ती 2018 के दौरान जब ई-मित्र से आवेदन भरा गया तो ई-मित्र संचालक ने अनुसूचित जनजाति परित्यक्ता वर्ग की जगह अनुसूचित जनजाति वैवाहिक कैटेगरी सेलेक्ट कर दी, जिसकी वजह से याचिकाकर्ता को नियुक्ति नहीं दी गई. जबकि यह गलती ई-मित्र संचालक की है. ऐसे में तकनीकी गलती का खामियाजा परित्यक्ता वर्ग के अभ्यर्थी को नहीं दिया जा सकता.