राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Amit Shah in Jodhpur: भाजपा के मंच पर शाह का सामंजस्य...वसुंधरा ने चलाए जमकर 'तीर'

राजस्थान भाजपा में वर्चस्व को लेकर जारी लड़ाई के बीच शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा संगठन में सामंजस्य के लिहाज से खास रहा. बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने सतीश पूनिया, वसुंधरा राजे (booth worker conference in Jodhpur) और गजेंद्र सिंह शेखावत तीनों नेताओं की तारीफ की. शाह ने इन नेताओं के बीच सामंजस्य बिठाते नजर आए.

booth worker conference in Jodhpur
गृह मंत्री अमित शाह जोधपुर पहुंचे

By

Published : Sep 10, 2022, 7:46 PM IST

जोधपुर.राजस्थान भाजपा में चल रही वर्चस्व की लड़ाई और गुटबाजी के बीच शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जोधपुर पहुंचे. रावण (booth worker conference in Jodhpur) का चबूतरा मैदान पर आयोजित बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लेकर जबरदस्त सामांजस्य दिखाया. उन्होंने यह संदेश देने का प्रयास भी किया कि एक साथ मिलकर गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकना है. इसके लिए उन्होंने नेताओं की तारीफ भी की.

संगठन के कार्य को लेकर प्रदेश अध्यक्ष पूनिया की पीठ थपथपाई तो राजे के मुख्यमंत्री कार्यकाल की तारीफ भी की. शाह ने संबोधन की शुरुआत में ही शेखावत को अपना मित्र बताते हुए उनके अलग महत्व का संदेश दिया. अमित शाह से पहले मंच पर भी शेखावत, राजे और पूनिया का ही संबोधन हुआ. जिसमें शेखावत ने नपा तुला भाषण दिया तो पूनिया ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा. साथ ही मंच पर बैठे नेताओं से परिश्रम करने की बात कही.

लेकिन वसुंधरा ने बड़ा तंज कसते हुए कहा कि प्रेस कांफ्रेंस से बाहर निकल कर पब्लिक (Amit Shah praises vasundhara Raje) कांफ्रेंस करनी होगी. यह भी कहा कि उनके पहली बार सीएम बनने के बाद से कांग्रेस को कभी भी पूरा बहुमत नहीं मिला है. अमित शाह रात को बीएसएफ गेस्ट हाउस में रुकेंगे. रविवार सुबह नौ बजे उनके दमन और दीव जाने का कार्यक्रम है. रात को वे भाजपा नेताओं व प्रबुद्धजनों से भी मिलेंगे.

पढे़ं. booth worker conference: राहुल विदेशी जर्सी और टी शर्ट पहनकर भारत जोड़ने निकले हैं- अमित शाह

राजे ने खुद को बताया असरदारःपूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि 2003 में ऐतिहासिक जनमत के साथ भाजपा की सरकार बनी और उन्हें प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. तब से लेकर अब तक राजस्थान में एक बार भी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. राजे ने यह कहकर जताने की कोशिश की है कि वह प्रदेश में सबसे असरदार नेता हैं. उनके बिना कांग्रेस को नहीं रोक सकते. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को कमजोर नहीं समझना चाहिए. 2023 में घर बैठे प्रचण्ड बहुमत से सरकार बन जाएगी, इस खुशफहमी में न रहकर हमें एकमुखी होना होगा. प्रेस कांफ्रेंस से बाहर निकल कर ‘पब्लिक कांफ्रेंस’ भी करनी होगी, हम तब ही सफल होंगे.

पूनिया की थपथपाई पीठः शाह ने प्रदेशाध्यक्ष की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा कि सभा स्थल पर एक भी कुर्सी (Poonia in booth worker conference) खाली नहीं है. भीषण गर्मी में भी कार्यकर्ता जमे हुए हैं. पहली बार 52 हजार बूथ कार्यकर्ताओं में से 47 हजार का फोटो युक्त रजिस्टर बनाया गया है. मुझे विश्वास है कि 2024 से पहले 2023 में भाजपा प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी. ओबीसी मोर्चा की बैठक में भी शाह ने पूनिया की तारीफ करते हुए कहा कि इनके परिश्रम से पार्टी की मजबूती नजर आती है.

बेरोजगारी कम की, भामाशाह दीः पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि इनके कार्यकाल में प्रदेश में बेरोजगारी नियंत्रित थी. गरीबों के इलाज के लिए भामाशाह जैसी योजना भी दी. गौरव पथ बनाए. किसानों का 50 हजार रुपए तक का कर्जा माफ किया. अनुसूचित जाति और अन्य जाति के व्यक्तियों के लिए ऋण योजना चलाई. शाह की तारीफ के दौरान जमकर तालियां भी बजती रही.

पढ़ेंः Amit shah in Jodhpur: शाह की मारवाड़ में Entry के साथ ही ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा- ओबीसी बॉयकाट अमित शाह

मंच के नेताओं को भी करना होगा परिश्रमः पूनिया ने कहा कि 2023 का आगाज गृहमंत्री कर रहे हैं. कार्यकर्ता अपना परिश्रम कर रहा है. लेकिन मंच पर बैठे लोगों को भी परिश्रम करना होगा. जिसके बूते ही हम 2023 व 2024 में सफलता हासिल करेंगे. पूनिया ने यहां खुद को किसान बताते हुए कहा देश के सबसे बडे़ राज्य का अध्यक्ष आप द्वारा बनाने पर पूरी किसान कौम आपको धन्यवाद दे रही है. हम 2023 की सत्ता आपके चरणों में लाकर समर्पित कर देंगे.

राजे ने विरोधी को भी किया यादःवसुंधरा राजे ने अपने भाषण में सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत को याद करते हुए कहा कि उनके बिना पार्टी मजबूत नहीं होती. साथ ही उन्होंने पार्टी के विकास के लिए पूर्व विदेश मंत्री स्व जसवंत सिंह जसोल को भी याद किया. जबकि राजे के कार्यकाल में ही जसोल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. तकरार भी बढ़ी लेकिन आज राजे ने जसोल को याद कर अलग संदेश दिया. इसके अलावा राजे ने जाट व विश्नोई नेताओं को भी याद किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details