जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने राज्य सरकार की ओर से सेवारत चिकित्सकों को पीजी-नीट 2021 प्रवेश में 30 सितंबर तक की अवधि तक बोनस अंक दिए जाने के फैसले को उचित मानते हुए दायर की गई अपीलों को खारिज कर दिया है. खंडपीठ ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार द्वारा बोनस अंक दिए जाने की कट ऑफ डेट बढ़ाए जाने के निर्णय को मनमाना व विधि विरुद्ध नहीं कहा जा सकता है. पीजी मेडिकल प्रवेश सत्र-2021 में बोनस अंक की कट ऑफ तिथि 30 सितंबर, 2021 किए जाने के निर्णय में दखल देने से इनकार किया है.
चयनित अभ्यर्थियों/इंटरवेनर्स, डॉक्टर राजमोहन सक्सेना व अन्य की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने पैरवी करते हुए पक्ष रखा. वहीं राज्य सरकार की ओर से एएजी डॉ विभूति भूषण शर्मा ने पक्ष रखा. मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी व न्यायाधीश सुदेश बंसल की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए एकलपीठ के आदेश और राज्य सरकार के फैसले को सही मानते हुए अपीलें खारिज कर दीं.
यह है पूरा मामला
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन, नई दिल्ली प्रत्येक वर्ष पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल कोर्स/नीट पीजी परीक्षा आयोजित करवाती है. पिछले साल 23 फरवरी को पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल कोर्स/नीट पीजी परीक्षा के लिए नोटिस जारी किया. लेकिन कोरोना महामारी के चलते परीक्षा स्थगित होती रही और परीक्षा 11 सितंबर 2021 को परीक्षा आयोजित हुई. परीक्षा का परिणाम 28 सितंबरी, 2021 को घोषित किया गया. राज्य सरकार की पॉलिसी के अनुसार राज्य के सेवारत चिकित्सकों को ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सेवारत होने पर प्रत्येक एक वर्ष की सेवा पर 10 प्रतिशत बोनस अंक का प्रावधान है जो अधिकतम 30 प्रतिशत देय है.
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प्रत्येक वर्ष इस अवधि की गणना 30 अप्रैल तक की जाती है और इस वर्ष भी यह गणना 30 अप्रैल, 2021 तक की जानी थी. लेकिन परीक्षा आयोजित करने में हुई देरी और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा एमबीबीएस के पश्चात् इंटर्नशिप पूरी होने की अन्तिम तिथि 30 सितंबर 2021 किए जाने को आधार बना राज्य सरकार ने सेवारत चिकित्सकों के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सेवारत होने की अवधि को 30 अप्रैल 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दिये जाने के लिए अधिसूचना 8 जनवरी, 2022 को जारी की गई. इसे डॉक्टर नवीन जाखड़ सहित 16 चिकित्सकों ने रिट याचिका दायर कर चुनौती दी.
ये याचिकाकर्ता राज्य के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सेवारत हैं और 30 अप्रैल 2021 तक तीन वर्ष की अवधि पूरी कर चुके थे. राज्य सरकार द्वारा बोनस अंक दिए जाने की तिथि बढ़ाए जाने से और प्रतिस्पर्धा बढ़ जाने को लेकर याचिका दायर कर 8 जनवरी, 2022 की अधिसूचना को चुनौती दी. जयपुर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिका खारिज कर दी. इस पर डॉक्टर नवीन जाखड़ सहित अन्य ने जयपुर की खंडपीठ में अपील पेश की.
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खंडपीठ के समक्ष अपीलार्थी की ओर से कहा गया कि एक बार चयन प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद नियम परिवर्तित नहीं किया जा सकता है. राज्य सरकार द्वारा बोनस अंक दिए जाने की तिथि बढ़ाए जाने के पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है. कहा गया कि कट ऑफ बढ़ाए जाने से बड़ी संख्या में सेवारत चिकित्सक अतिरिक्त बोनस के हकदार हो गए हैं, जिससे पुरी मेरिट लिस्ट पर फर्क पड़ गया है. राज्य सरकार की ओर से डॉ विभूति भूषण शर्मा ने सरकार के निर्णय को वर्तमान कोविड महामारी को देखते हुए सही बताया.
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चयनित चिकित्सकों की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने वीसी के जरिए बताया कि इस नीट पीजी प्रवेश परीक्षा 2021 के अनुसरण में प्रथम काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और चयनित अभ्यर्थी संबंधित गवर्नमेंट कॉलेज में प्रवेश ले चुके हैं और अपने दस्तावेज और फीस जमा करवा चुके हैं. हाईकोर्ट जयपुर की खंडपीठ ने अपीलार्थियों की अपील खारिज करते हुए राज्य सरकार की 8 जनवरी, 2022 की अधिसूचना में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और एकलपीठ के निर्णय को विधि सम्मत बताया. खंडपीठ ने कह कि कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार द्वारा बोनस अंक दिए जाने की कट ऑफ दिनांक बढ़ाए जाने का निर्णय मनमाना और विधि विरुद्ध नहीं कहा जा सकता.