जोधपुर. कोरोना कहर को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर चल रही कार्रवाई के बीच सोमवार को एक बीएलओ के अपहरण किए जाने का मामला सामने आया. जहां दो सगे भाइयों ने बीएलओ को मामले में जानकारी देने से इनकार करने के साथ ही बीएलओ का बोलेरो कैंपर में अपहरण कर लिया. अपहरण के बाद बीएलओ को गाड़ी से कूद कर अपनी जान बचानी पड़ी.
लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी कर रहे बीएलओ का हुआ अपहरण घटना के बाद बीएलओ ने जोधपुर के राजीव गांधी पुलिस थाने में इस संबंध में मामला दर्ज करवाया. जहां मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने इस पूरे मामले में अभियुक्त दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया. राजीव गांधी थाना अधिकारी जय किशन सोनी के अनुसार लॉकडाउन के बीच थाना क्षेत्र के पोपावास में बीएलओ ओमप्रकाश जाट की ड्यूटी लगी हुई थी.
बीएलओ के अनुसार गत 29 मार्च को वे पोपावास गांव में गए थे. तब गांव में रहने वाले दो भाइयों भगवान राम और मोहन राम ने बीएलओ द्वारा बुलाने पर उन्होंने घर से बाहर नहीं आने का कहा और बीएलओ को जानकारी देने में आनाकानी की. बीएलओ के पास कागजी कार्रवाई का नोटिस था, तब दोनों भाइयों ने पहले तो बीएलओ ओम प्रकाश के साथ मारपीट की और कागजों को फाड़ दिया. इसके बाद शाम को दोनों भाइयों ने बोलेरो कैंपर में बीएलओ ओमप्रकाश जाट का अपहरण कर उसे साथ ले गए.
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बीएलओ ओमप्रकाश जाट ने गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाई, लेकिन उन्हें गाड़ी से कूदने के बाद हल्की चोटें भी आई. थाना अधिकारी ने बताया कि बीएलओ की रिपोर्ट पर पुलिस थाने में राजकार्य में बाधा उत्पन्न करने का मामला दर्ज किया गया. इन दोनों भाइयों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. जहां पुलिस द्वारा दोनों भाइयों को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं.