जोधपुर. कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट को हनी ट्रैप (Trying to Implicate Cabinet Minister Ramlal Jat) करने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. गुरुवार को डीसीपी भूवन भूषण यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आरोपी अक्षत व दीपाली जोधपुर की मॉडल को भेजकर मंत्री से उदयपुर रेंज में पदस्थापित एक पुलिस सब इंस्पेक्टर को बहाल करवाना चाहते थे. वह हनी ट्रैप करने में सफल हो जाते तो करोड़ों रुपये की एक एकड़ सरकारी जमीन के आवंटन का स्थान बदलवाने का काम उनको करवाना था.
जमीन का काम अक्षत के मार्फत करवाने का प्रस्ताव लाने वाले एक वकील को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर किया है, लेकिन बुधवार को आरोपी अक्षत और दीपाली कि निचली अदालत से ही हुई जमानत पुलिस के लिए गले की फांस बन गई है. न्यायालय में विधिक खामियों के चलते दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई. इन खामियों के लिए डीसीपी ने थानाअधिकारी को सीधे तौर (Negligence of SHO in Jodhpur Model Case) पर जिम्मेदार ठहराया. इसके लिए एसीपी मंडोर राजेंद्र दिवाकर को जांच सौंपी है.
जमानत के बाद गायब हुए आरोपी...
बुधवार को अदालत में जब दोनों आरोपियों को पेश किया गया तो पुलिस ने दस्तावेज पेश की. जिस पर आरोपियों के अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि यह गिरफ्तारी गैरकानूनी है. गिरफ्तारी से पहले की कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है. इसको लेकर अदालत में बहस भी हुई, लेकिन अंततः पुलिस की खामियों के चलते (Accused Were Blackmailing Victim Model) अक्षत और दीपाली को जमानत मिल गई और जमानत के तुरंत बाद वह गायब हो गए. पुलिस ने देर शाम को अपनी झेंप मिटाते हुए इस प्रकरण में उनके खिलाफ पोर्नोग्राफी का एक और मामला दर्ज किया है, जिससे उनकी गिरफ्तारी हो सके. लेकिन दोनों आरोपी पुलिस के हाथ से निकल गए.