जोधपुर.जोधपुर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के पास बैठने वाले खानाबदोश जिन्हें आमतौर पर लोग भिखारी भी कहते हैं. इनके लिए प्रशासन ने लॉकडाउन के दौरान झालामंड गांव में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में शेल्टर होम बनवाया और इन लोगों को यहां रहने की अनुमति दी.
शुरूआती कुछ दिनों के बाद विद्यालय के शिक्षकों की सीख का असर काम आया. करीब 75 बेगर्स ने इस विद्यालय के 20 कमरों सहित पूरे परिसर को अपनी मेहनत से चमका दिया. ज्यादातर बेगर्स यहां से जा चुके हैं. अब इक्का-दुक्का हैं, जो इस काम को अंतिम रूप दे रहे हैं. गांव के भामाशाहों ने जाने से पहले उन बेगर्स को उनका मेहनताना भी दिया.
प्रशासन ने जब इन बेगर्स को यहां छोड़ा तो विद्यालय के स्टाफ को यहां ड्यूटी पर आना भी पड़ा. विद्यालय की शिक्षिका साधना श्रीवास्तव बताती हैं कि पहले जब हमने उन्हें देखा तो ऐसा लगा कि ये लोग पूरे स्कूल को खराब कर देंगे. लेकिन बाद में उन्हें अनुशासित किया तो उन लोगों ने आगे बढ़कर कहा कि हम क्या कर सकते हैं? ऐसे में उनके लिए कलर और ब्रश उपलब्ध करवाया गया. फिर उन लोगों ने स्कूल को नया रंग रूप देने की तैयारी शुरू कर दी.
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