राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

जोधपुर: 13 दिन बाद पूर्व पार्षद को जमानत, फायरिंग केस के सहआरोपी की जमानत खारिज

पूर्व पार्षद राजेश मेहता और वीरेंद्र सिंह मेहता को मुथाजी के मंदिर ट्रस्ट गबन मामले में जमानत मिल गई है. वहीं विक्रम नांदिया पर फायरिंग करने के मामले में सह आरोपी शैतान सिंह की जमानत खारिज कर दी गई है.

By

Published : Apr 28, 2021, 10:31 PM IST

jodhpur news  जोधपुर न्यूज  फायरिंग केस  सहआरोपी की जमानत खारिज  क्राइम इन जोधपुर  जोधपुर कोर्ट  Jodhpur Court  Crime in Jodhpur  Bail of co-accused dismissed  Firing case
13 दिन बाद पूर्व पार्षद को जमानत

जोधपुर.पूर्व पार्षद और कांग्रेसी नेता राजेश मेहता और वीरेंद्र सिंह मेहता को मुथाजी के मंदिर ट्रस्ट के गबन के मामले में 13 दिन बाद अदालत से जमानत मिल गई. अपर जिला न्यायाधीश संख्या 5 सुरेंद्र सिंह सांदू ने 1-1 लाख की जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए हैं.

मुथाजी मंदिर ट्रस्ट गबन मामला

आरोपियों की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र पेश कर अदालत को बताया गया था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है. उन्होंने कोई गबन नहीं किया है. यह मामला अन्य स्थानों पर लंबित है. राज्य सरकार की ओर से चांद अली और ट्रस्ट के अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर जिला न्यायाधीश संख्या 5 सुरेंद्र सिंह सांदू ने कोरोना की परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी राजेश मेहता और वीरेंद्र सिंह की जमानत स्वीकार कर ली.

यह भी पढ़ें:चित्तौड़गढ़ में मां और बेटी की संदिग्ध मौत, मचा हड़कंप

विक्रम नांदिया पर फायरिंग केस, जमानत खारिज

अपर जिला न्यायाधीश महिला उत्पीड़न सुषमा पारीक ने डाली बाई के मंदिर के पास दिनदहाड़े गोली चलाने के मामले में शैतान सिंह उर्फ शैतान राम पुत्र बनवारी लाल की जमानत खारिज कर दी है. आरोपी शैतान सिंह की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र पेश कर अदालत को बताया गया कि उसे झूठा फंसाया गया है. परिवादी विक्रम सिंह के बयान में आरोपी का कहीं नाम नहीं है. उसे जमानत का लाभ दिया जाए.

यह भी पढ़ें:धार्मिक कार्यक्रम में लापरवाही को लेकर बसेड़ी CI और तहसीलदार को हटाया, 9 निलंबित

राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक शबनम बानो ने अदालत को बताया कि आरोपी के खिलाफ 8 प्रकरण पहले से लंबित हैं. आरोपी ने परिवादी विक्रम सिंह पर 11 मार्च 2021 को दिनदहाड़े डाली बाई मंदिर चौराहे पर फायरिंग की. जिसमें व सहआरोपी है. ऐसे मामलों में जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश सुषमा पारीक ने आरोपी शैतान सिंह की जमानत पूर्व के आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए खारिज करने के आदेश दिए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details