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फ्लाइट ने यात्री का सामान समय पर नहीं दिया, 50 हजार का लगा जुर्माना

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Published : Apr 25, 2022, 12:25 PM IST

जयपुर से विमान में रवाना हुए यात्री के दुबई पहुंचने के बावजूद सामान जयपुर ही छोड़ देने के मामले में स्पाइसजेट एयरलाइंस पर हर्जाना लगाया गया है. जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय ने एयरलाइंस पर 50 हजार रुपए का हर्जाना (50 thousand fine imposed on spicejet) लगाया है.

Jodhpur Latest News
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जोधपुर.जयपुर से विमान में रवाना हुए यात्री के दुबई पहुंचने के बावजूद सामान जयपुर ही छोड़ देने के मामले में जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय ने स्पाइसजेट एयरलाइंस पर 50 हजार रुपए हर्जाना (50 thousand fine imposed on spicejet) लगाया है. हालांकि, इस मामले में एयरलाइंस ने कैरिज बाय एयर एक्ट के तहत इसके लिए अपने आप को जिम्मेदार नहीं माना, लेकिन आयोग ने एक्ट के नियम सिर्फ मालवाहक जहाज पर लागू होने और यात्री विमान पर लागू नहीं होने व अन्य मामलों को दृष्टिगत रखते हुए यह जुर्माना लगाया है. हालांकि, एयरलाइन आयोग की ओर से मामले की सुनवाई करने पर यह कहते हुए आपत्ति जताई कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. लेकिन आयोग ने अपने निर्णय में लिखा कि यात्री ने जोधपुर से टिकट बुक करवाया था. इसलिए यह सुनवाई योग्य माना.

आयोग के सदस्य आनंद सिंह सोलंकी ने बताया कि प्रतापनगर निवासी डॉ. दीपक भंडारी और सुखराज भंडारी ने 22 मार्च 2017 को दुबई जाने के लिए स्पाइसजेट के प्लेन में सवार होने से पहले एयरलाइंस के कर्मचारियों ने उनके तीन सूटकेस व बैग लेकर गंतव्य स्थान पर सुपुर्द करने के लिए अलग से बुक कर लिए थे. फ्लाइट दुबई पहुंचने पर उन्होंने बैग लेने के लिए एयरपोर्ट पर सम्पर्क किया तो उन्हें बताया गया कि उनका सामान जयपुर में ही रह गया है. सामान नहीं मिलने से वे तैयार होकर अपने निर्धारित व्यस्त कार्यक्रमों में नहीं जा सके और दिन भर होटल में ही परेशान होकर रहना पड़ा.

50 हजार का लगा जुर्माना

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उन्होंने बताया कि एक दिन बाद उन्हें सामान मिला जिसे एयरपोर्ट से लाने के लिए भी बड़ी राशि खर्च हुई. इस पर एयरलाइंस की ओर से जवाब प्रस्तुत करते हुए सामान की विलंब से डिलीवरी के लिए कानूनी रूप से उनकी जिम्मेदारी होने से इंकार किया गया. लेकिन आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्याम सुन्दर लाटा, सदस्य डॉ. अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी ने सुनवाई के बाद अपने निर्णय में यात्रियों के साथ ही सामान उसी विमान में नहीं भेजकर पीछे छोड़ देना विपक्षी की सेवा में कमी मानते हुए परिवादीगण को शारीरिक व मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के निमित्त एयरलाइंस की ओर से 50 हजार रुपए हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है.

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