जोधपुर.लॉकडाउन 3.0 लागू होने के साथ सरकार द्वारा खनन कार्य को मंजूरी देने से जोधपुर के सूरसागर चौपड़ क्षेत्र के खनन क्षेत्र में करीब दो माह बाद हथौड़े और छैनी की आवाज गूंजने लगी है.
बता दें, कि खाने यहां का मशहूर छितर का पत्थर उगलने लगी है. मजूदर कपड़ों से मुंह ढके काम करते नजर आने लगे हैं. स्टोन कटर की आवाजें भी शोर कर रही है. शहर से सटे इस इलाके में ही 6500 खाने हैं, जबकि बालेसर क्षेत्र में 6000 खाने हैं. पूरे जिले में इस उद्योग से करीब एक लाख मजूदर जुड़े हैं. 60 दिन बाद मजूदर पत्थरों की आखली पर काम करने आने लगे हैं, लेकिन अभी सिर्फ खानों के आस-पास रहने वाले ही पहुंच पा रहे हैं.
दरअसल, ज्यादातर मजूदर ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं. आवागमन के साधन नहीं चलने से मजूदरों की कमी खनन व्यवसाय के लिए परेशानी बनी हुई है. उनका कहना है, कि अगर सरकार जल्द से जल्द ग्रामीण क्षेत्रों से बसों की आवाजाही शुरू कर दे तो यह काम तेजी पकड़ लेगा. इससे सरकार को भी अच्छी खासी राजस्व की प्राप्ति होती है.