चित्तौड़गढ़. केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय की ओर से पांच दिन पूर्व जारी की गई संशोधित अफीम नीति का लाभ चित्तौडगढ़ और उदयपुर के अफीम बुवाई तहसीलों के 924 किसानों को होगा. साथ ही इन किसानों को कटे हुए अफीम लाइसेंस भी जारी किए जाएंगे.
संशोधित अफीम नीति के तहत 924 किसानों को मिला लाभ बता दें कि देश में करीब 6 हजार पांच सौ अफीम किसान इस संशोधित पॉलिसी से लाभान्वित होंगे. वहीं इस पॉलिसी के जारी होने के बाद अफीम महकमें के अधिकारी भी लाभान्वित किसानों को अफीम लाइसेंस जारी करने में जुट गए हैं. इस सम्बंध में आवश्यक रिकॉर्ड देखकर लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं.
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अफीम बुवाई वर्ष 2019-20 को लेकर अगस्त-सितम्बर में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से अफीम पॉलिसी जारी की थी, इसके अनुसार प्रति हैक्टेयर उत्पादित अफीम में मार्फिन की मात्रा 4.5 रहनी चाहिए. इस ही के तहत जिन किसानों की अफीम में मार्फिन की मात्रा 4.5 थी, उन्हें अफीम लाइसेंस जारी कर दिए गए थे. इससे कम मात्रा वाले किसानों के अफीम लाइसेंस काट दिए गए थे.
वहीं इस सम्बंध में क्षेत्र के किसान मार्फिन की मात्रा का नियम बदलने की मांग कर रहे थे. जिसके बाद चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने किसानों की मांग को लेकर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अलावा लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात कर किसानों की मांग से अवगत कराया था. जिस पर गत 26 दिसम्बर को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने संशोधित पॉलिसी जारी की गई, जिसके अनुसार प्रति हैक्टेटयर उत्पादित अफीम में मार्फिन की मात्रा 4 तक देने वाले किसानों को अफीम लाइसेंस जारी किए हैं.
ऐसे में पूरे देश में करीब 6 हजार 500 किसान ऐसे बताएं हैं, जो संशोधित अफीम पॉलिसी से लाभान्वित हुए हैं. इन किसानों की संख्या चित्तौड़गढ़ जिले में 924 और उदयपुर जिले की वल्लभनगर और मावली तहसील के किसान भी शामिल हैं. संशोधित पॉलिसी आने के बाद चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय स्थित जिला अफीम अधिकारी कार्यालय सहित देश के उन सभी राज्यों में महकमें के अधिकारी लाभान्वित किसानों को उनके लाइसेंस देने के जुट गए हैं. चित्तौड़गढ़ में भी तीन अलग-अलग खंड हैं, जिनके अधिकारी लाभान्वित किसानों को बुला कर उनके दस्तावेज की जांच कर अफीम लाइसेंस जारी कर रहे हैं.