जोधपुर. शहर के कीर्ति नगर में हुए गैस सिलेंडर विस्फोट हादसे में मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई (Gas Cylinder Blast in Jodhpur) है. रविवार देर रात को और सोमवार सुबह दो घायलों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. इसके साथ ही इस हादस में मृतकों की संख्या 8 हो गई है. मरने वाले दोनों 90 फ़ीसदी जल चुके थे. वहीं हादसे के दौरान बालिका को बचाने वाले अशोक जोशी की सुबह मौत हो गई. इसके बाद परिजन मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए.
उनकी मांग है कि वह बचाने के लिए आया और झुलस गया था. ऐसे में सरकार उसकी पत्नी को नौकरी दे और 25 लाख का मुआवजा अदा करे. . इसके बिना हम शव नहीं उठाएंगे. अभी परिजन मोर्चरी के बाहर बैठे हैं, प्रशासन द्वारा समझाइश की जा रही है. जबकि एक अन्य मृतक पारसराम का शव रात को परिजन ले गए थे. वहीं, महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजश्री बेहरा ने बताया कि रविवार रात को पारस राम पुत्र बाबूलाल की मृत्यु हो गई थी, जबकि सोमवार सुबह करीब 11 बजे अशोक जोशी ने दम तोड़ दिया. वहीं अभी 12 लोगों का इलाज जारी है. इनके बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होने पर कुछ को आज छुट्टी मिलेगी. इससे पहले इस हादसे के मुख्य आरोपी भोमाराम की मां शोभा देवी, पत्नी सरोज, पुत्र विक्की, पुत्रियां निताली, कोमल और सुरेश की मौत हो चुकी है.
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बता दें, शहर के माता का थान क्षेत्र में मंगरा पूंजला इलाके में कीर्ति नगर कॉलोनी में अवैध रूप से गैस रिफिलिंग करने वाले घर में अचानक विस्फोट हुआ. जिससे पूरा घर जलकर राख हो गया था. घटना के दिन 4 लोगों की मौत हुई थी. जबकि उसके बाद से अब तक 4 और लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं सरकार ने इस घटनाक्रम में घायलों को एक-एक लाख और मृतकों को पांच लाख की सहायता देने की घोषणा की है.
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क्या है पूरा मामला-बता दें,शहर के माता का थान क्षेत्र में मंगरा पूंजला इलाके के एक रहवासी कॉलोनी में 8 अक्टूबर को (Jodhpur Cylinder Blast) गैस के तीन-चार सिलेंडर फटने से आग लग गई. हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. मंगरा पूजला क्षेत्र के कीर्ति नगर निवासी भोमाराम जो कि एक गैस एजेंसी के सिलेंडर परिवहन का काम करता है. हादसे के दिन उसके घर पर बड़ी संख्या में गैस सिलेंडर मौजूद थे. उस समय एक गाड़ी भी घर के बाहर खड़ी थी. घर पर गैस का अवैध काम होता है. गोदाम जैसे हालत थे. हादसे के वक्त भोमाराम घर के अंदर नहीं था. एक सिलेंडर लीक होने का अहसास होने पर उसके साले सुरेश ने तीली जलाकर जांच करनी चाही, जिसके चलते सिलेंडर ने आग पकड़ ली और एक के बाद एक अन्य सिलेंडरों में आग लगती गई.
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