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आपणो जोधपुर हुयो 562 साल रो..

ब्लू सिटी के नाम से मशहूर जोधपुर का आज 562वां स्थापना दिवस है. लेकिन, लॉकडाउन के चलते इसके कार्यक्रम औपचारिकता तक सिमट गए. जहां जिला कलेक्टर और पूर्व नरेश गज सिंह ने सभी शहरवासियों को स्थापना दिवस की बधाई दी है.

जोधपुर न्यूज, jodhpur news
जोधपुर वासियों को स्थापना दिवस की बधाई

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Published : May 12, 2020, 5:37 PM IST

जोधपुर. ब्लू सिटी का 562वां स्थापना दिवस आज लॉकडाउन के कारण नहीं मनाया जा सका. इस मौके पर हर साल आयोजित किए जाने वाले सरकारी और गैर सरकारी समारोह आयोजित नहीं हो सके. इससे मायूस जोधपुर वासियों को जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने शुभकामनाएं दीं.

लॉकडाउन के कारण नहीं हुआ कोई भी कार्यक्रम

जिला कलेक्टर राजपुरोहित ने करीब 50 दिन से लॉकडाउन में नियमों की पालना करने के लिए शहरवासियों की तारीफ भी की है. थार के रेगिस्तान का प्रवेश द्वार कहलाने वाला जोधपुर शहर इन दिनों लॉकडाउन में है. परकोटे के भीतर बसे पुराने शहर में कर्फ्यू लगा है. हादसे में शहर का 565वां स्थापना दिवस नहीं मनाया गया है.

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हर साल इस मौके को धूमधाम से मनाया जाता है. जिला प्रशासन स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित करता है. सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाएं भी कई आयोजन करती हैं. इन आयोजनों की तैयारी कई दिन पहले से शुरू हो जाती है. स्थापना दिवस का अवसर पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देना भी होता है. इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ लॉकडाउन के कारण स्थापना दिवस कि केवल रस्म अदायगी ही हुई पूर्व नरेश गजसिंह ने सभी को शुभकामनाएं दीं.

सनसिटी और ब्लू सिटी के नाम से है प्रसिद्ध

बता दें कि जोधपुर अपनी कई खासियत के कारण पूरी दुनिया में जाना जाता है. जोधपुर को सन सिटी और ब्लू सिटी भी कहा जाता है. सूरज यहां अपने पूरी तीव्रता से किरणें बिखेरता है. इसलिए इसे सन सिटी कहा जाता है. मेहरानगढ़ दुर्ग की तलहटी में बसे मकानों को तेज धूप से बचाने के लिए नीला रंग में की परंपरा भी यहां रही है. इस कारण जोधपुर को ब्लू सिटी कहा जाता है.

रेगिस्तान का प्रवेश द्वार

जोधपुर थार के रेगिस्तान का प्रवेश द्वार है. थार का रेगिस्तान जोधपुर से शुरू होकर सरहद पार पाकिस्तान के अंदर मीलों तक फैला हुआ है. सहारा के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तान माना जाता है. पिछले सालों में जोधपुर में टूरिज्म और हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट के लिए भी अपनी अलग पहचान बनाई है.

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जोधपुर में हर साल दुनिया के कोने-कोने से विदेशी सैलानी आते हैं. पिछले कुछ सालों से देसी सैलानियों की संख्या भी खासी बढ़ गई है जो दिवाली से आना शुरू हो जाते हैं. बाहर से आने वालों के लिए जोधपुर का मेहरानगढ़ दुर्ग और दुनिया का आधुनिकतम महल उम्मेद भवन पैलेस विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं. इसी तरह जोधपुर की सैकड़ों फैक्ट्रियों में बनने लकड़ी और लोहे के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद पूरी दुनिया में अपनी खास पहचान बनाए हुए हैं.

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