जोधपुर. देश के नए एम्स में जोधपुर की पहचान अलग ही है. जोधपुर एम्स चिकित्सकीय सेवाओं में अपने प्रयोगों के लिए हमेशा आगे रहा है. नए एम्स में सबसे पहले रोबोटिक सर्जरी करने वाले जोधपुर एम्स ने चार सालों में 500 सर्जरी (Jodhpur AIIMS Completed 500 Robotic System Operations) पूरी कर ली है.
एम्स में रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत अप्रेल 2018 में हुई थी. जिसके बाद से यह क्रम लगातार जारी है. इस अवधि में कोविड के चलते एक साल तक काम नही हुआ था. अब रोबोटिक सर्जरी के मामले में जोधपुर हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है. अत्याधुनिक दा विंची रोबोटिक तकनीक से हो रही सर्जरी से मरीजों को खासी राहत मिली है. खासकर प्रोस्टेट कैंसर में होने वाली जटिल सर्जरी रोबोटिक पद्धति से करने में यहां के डॉक्टरों ने महारात हासिल की है. अब तक करीब 30 सर्जरी ऐसी हो चुकी है.
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कई जटिल सर्जरी भी हो रही हैः जोधपुर एम्स में कई चुनौतिपूर्ण सर्जरी भी हो रही है. इस तकनीक से किडनी कैंसर के उपचार में से ट्यूमर को हटा दिया जाता है, बाकी किडनी को बरकरार रखी जाती है जो नियमित काम करती रहती है. इसके मरीज पड़ोसी राज्यों और यहां तक कि नेपाल से भी इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आ रहे हैं. मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ कई प्रशिक्षित यूरो-ऑन्कोलॉजिकल सर्जनों के साथ एम्स, जोधपुर में सभी यूरोलॉजिकल कैंसर का मल्टी-डिसिप्लिनेरी टूमर बोर्ड के जरिए उपचार किया जाता है. इस तकनीक के माध्यम से एम्स के निदेशक डॉ संजीव मिश्रा के मार्गदर्शन में रोबोटिक सर्जरी और यूरो-ऑन्कोलॉजी में लेटेस्ट अप्डेट्स एंड रीसर्च के लिए अंतरराष्ट्रीय केंद्रों के साथ भागीदारी बढ़ाने पर काम चल रहा है.