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Maharaja Umaid Singh Jayanti: निभाई गई परम्परा,आधुनिक जोधपुर के निर्माता महाराजा के स्टेच्यू को सैन्य अफसर ने दी सलामी - rajasthan hindi news

जोधपुर के वर्तमान स्वरूप की आधारशीला रखने वाले जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह की 119वीं जयंती (Umaid Singh 119th Birth Anniversary) पर उन्हें मरुभूमि याद कर रही है. आज उनके स्टेच्यू पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए, सेना के अफसरों ने सलामी दी. ये दस्तूर है जिसे बरसों से बड़े अदब से निभाया जा रहा है. जानते हैं क्यों?

Maharaja Umaid Singh Jayanti
उम्मेद सिंह के स्टेच्यू को सलामी देते हैं सेना के अफसर

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Published : Jul 8, 2022, 2:32 PM IST

जोधपुर.महाराजा उम्मेद सिंह उन गिने चुने लोगों में शामिल हैं जिन्हें देश की सेना और वायुसेना दोनों ने अपने उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा. उनकी जयंती पर (Umaid Singh 119th Birth Anniversary)आधुनिक जोधपुर के निर्माता को उसी शान और मान के साथ याद किया गया. समय से आगे की सोच रखने वाले महाराज ने देश दुनिया को अपने कौशल का लोहा मनवाया. अपनी रियाया की जरूरतों का बखूबी ख्याल रखा (Maharaja Crafted Modern Jodhpur). शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर पेय जल तक की समस्याओं को समझ कर सुलझाने की कोशिश का नाम ही था महाराजा उम्मेद सिंह. बरसों से परम्परा है कि सैन्य अफसर उनकी मूर्ति को सलामी देते हैं. इस बार भी वो रस्म निभाई गई.

इसलिए मिलती है महाराज के स्टेच्यू को सलामी: महाराजा उम्मेद सिंह हमेशा सेना से जुड़े रहे थे. उन्होंने थलसेना और वायुसेना को अपनी सेवाएं दी. जिसके चलते उन्हें 24 अक्टूबर, 1921 में थलसेना में ऑनरेरी कैप्टन, 17 मार्च, 2 जून, 1923 को ऑनरेरी मेजर, 3 जून 1925 को केसीएसआई सम्मान, 1931 में वायुसेना ने एयर कमोडोर, 18 अगस्त, 1933 को ऑनरेरी लेफ्टिनेंट कर्नल व 23 जून, 1936 को एडीसी एवं सेना में ऑनरेरी कर्नल के पद से सुशोभित किया गया. 1945-46 में एयर वाइस मार्शल सम्मान और 15 अक्टूबर, 1946 को ऑनरेरी लेफ्टिनेंट जनरल की उपाधि प्रदान की. यही वजह है कि दोनों सेनाएं उन्हें गर्व से याद करती हैं और अपने जाबांज अफसर को सलामी देती हैं.

आधुनिक जोधपुर के निर्माता महाराजा के स्टेच्यू को सलामी

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जोधपुर का रखा पूरा ख्याल: महाराजा उम्मेद सिंह ने ब्लू सिटी को बहुत कुछ दिया (Umaid Singh 119th Birth Anniversary). मारवाड़ में पड़े अकाल में जनता को रोजगार के लिए छीतर पहाड़ी पर उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण करवाया. महिला चिकित्सा सुविधा के लिए 1934 में सिवांची गेट के बाहर 170 शैय्याओं का उम्मेद अस्पताल बनवाया, वर्तमान महात्मा गांधी अस्पताल भी उनकी ही देन है. इसे पहले मारवाड़ के स्टेट काउंसिल उपाध्यक्ष सी.जे. विंडम के नाम पर विंडम अस्पताल के तौर पर जाना जाता था. जोधपुर में खेल सुविधाओं को विकसित करने के लिए 14 अक्टूबर, 1939 को स्टेडियम का निर्माण करवाया. स्टेडियम सिनेमाघर का भी निर्माण करवाया. जोधपुर में रेलवे लाइन और वायुसेना के साथ एअरपोर्ट शुरू किया. यहां फ्लाइंग क्लब भी शुरू किया था. 29 साल तक उनका शासन रहा 9 जून 1947 महज 43 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.

आधुनिक जोधपुर के निर्माता को किया याद:जयंती समारोह में पूर्व महाराज गजसिंह ने महाराजा उम्मेद सिंह की 'देन' याद दिलाई. कहा कि आज जो जोधपुर का स्वरूप और विकास नजर आ रहा है वह उनकी ही देन है, उनके बाद ऐसा काम नहीं हुआ. वर्तमान की सभी सरकारी इमारतें बनवाई है, एअरपोर्ट भी उनके काल में बना. इसके साथ ही गज सिंह ने अपील की कि अब हम सब का दायित्व है कि इस क्रम को आगे जारी रखें. जोधपुर कोर्णाक कोर के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर ने भी आधुनिक जोधपुर के निर्माता को याद किया. कहा कि जोधुपर के नागरिकों को उनके सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ते हुए राष्ट्र एकता की तरफ बढ़ते रहना है. इस मौके पर जोधपुर डीआरएम गीतिका पांडे, महापौर कुंती देवड़ा, वनीता सेठ, विधायक सूर्यकांता व्यास सहित अन्य लोग मौजूद रहे.

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