जयपुर. जिंदगी के बाद मोक्षधाम ही किसी मृतक का आखिरी पड़ाव माना जाता है. जयपुर के युवाओं की टीम ने जेपी कॉलोनी स्थित मोक्षधाम को संवारने की जिम्मेदारी उठाई है. इस मोक्षधाम में पहले लोग गंदगी के कारण आने में कतराते थे, लेकिन अब युवाओं की मेहनत ने मोक्षधाम की तस्वीर बदल दी है.
लोग समाजसेवा के जरिए लोगों की हर तरह से मदद करते हैं पर कुछ ही लोग और संस्थाएं हैं, जो मृतकों की मोक्ष प्राप्ति के कार्य में मदद करते हैं. या मोक्षधाम को संवारने और उसके साफ-सफाई कर एक तरह से आमजन की सेवा करते हैं. ऐसा ही एक समूह है युवा जागृति सेवा समिति. जयपुर के विद्याधर नगर इलाके में स्थित जेपी कॉलोनी के युवाओं ने यह समिति बनाई है.
5 साल से कर रहे रोज सफाई
इसके सदस्य पिछले 5 साल से हर रविवार को मोक्षधाम में सुबह 2 घंटे सफाई करते हैं. साथ ही इन युवाओं की टीम ने मोक्षधाम को हरा-भरा करने की ठानी है. उसी का नतीजा है कि कभी वीरान और सूनसान रहने वाले इस मोक्ष धाम में हरियाली नजर आने लगी है.
बता दें कि जेपी कॉलोनी में स्थित मोक्षधाम कभी वीरान और गंदगी से अटा रहता था. लोग अंतिम संस्कार करने के लिए यहां आना भी पसंद नहीं करते थे. वहीं युवा जागृति सेवा समिति के सदस्यों को इस बात का पता चला तो उन्होंने मोक्षधाम की सफाई करने का फैसला किया.
जिसके बाद युवाओं ने एक टीम गठित की और मोक्षधाम को संवारने में लग गए. ये युवा अलग-अलग विभागों में निजी और सरकारी नौकरी करते हैं. जो हर रविवार के दिन 2 दिन मोक्षधाम की सफाई करते हैं.
जन्मदिन पर दो पौधे लगाने का नियम
साथ ही सदस्यों में जिस किसी का भी जन्मदिन आता है, वह सदस्य दो पौधे मोक्षधाम में लगाता है. उन दो पौधों की देखरेख का जिम्मा भी उसी सदस्य का होता है. यहां की सफाई करने के बाद सभी लोग धाम के विकास को लेकर चर्चा भी करते हैं और योजना भी बनाते हैं. वहीं इस मोक्ष धाम में लावारिस लाशों का भी अंतिम संस्कार किया जाता है. जिसका कोई शुल्क नहीं लिया जाता.
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साथ ही इन युवाओं की टीम सफाई के साथ मोक्षधाम को हरा-भरा बनाने में भी जुटी है. यहां पर ये युवा पौधे लगाकर उसकी हर दिन देखभाल करते हैं. हालांकि, फंड की कमी होने के चलते यहां जितना काम होना चाहिए था, उतना नहीं हो पा रहा है. कुछ रुपए विधायक कोटे से यहां जरूर लगाए गए हैं लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है. युवा जागृति सेवा समिति अपने स्तर पर ही कुछ फंड का इंतजाम करती है लेकिन ये फंड यहां के विकास के लिए पर्याप्त नहीं है.