जयपुर. शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्रि चल रहा है. आज शुक्रवार को नवरात्रि का दूसरा दिन है. शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है. इन्हें मां दुर्गा का विशेष स्वरूप माना गया है. नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की विधिपूर्वक पूजा करने से माता सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और जीवन में आने वाली सभी परेशानियों को दूर करती हैं.
ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप को तप, त्याग, सदाचार और संयम की देवी भी मानते हैं. इसलिए मान्यता है कि कितना भी विकट समय हो देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य का मन विचलित नहीं होता है. देवी के इस स्वरूप की पूजा से दुर्गुण और दोष समाप्त होकर सिद्धि की प्राप्ति होती है. हम जीवन में जो संकल्प लेते हैं वह सभी संकल्प माता ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से पूरे होते हैं. नवरात्रि के दूसरे दिन माता भगवती को शक्कर का भोग लगाना चाहिए, इससे दीर्घायु की प्राप्ति होती है.
माता ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र पहने दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमंडल लिए हुए सुशोभित हैं. कमल का फूल माता को विशेष प्रिय है. इसलिए माता को कमल का पुष्प भी चढ़ाया जाता है. सफेद सुगंधित पुष्प चढ़ाने से भी मनोवांछित फल मिलता है.